पेशाब का रंग हमारी सेहत से जुड़ी जानकारी देता है। जब भी हम किसी बीमारी की चपेट में आते हैं तो इसका सीधा असर हमारे पेशाब के रंग पर पड़ता है। यह पिग्मेंट जितना संकेंद्रित होता है पेशाब का रंग उतना ही ज़्यादा गहरा होता है। एक हेल्दी इंसान दिन भर में करीब 7 से 8 बार यूरिन करता है, इस प्रॉसेस के जरिए शरीर के टॉक्सिस पदार्थ आसानी से बाहर निकलते हैं। साथ ही नुकसान पहुंचाने वाले टॉक्सिंस से भी छुटकारा मिलता है। वैसे तो पेशाब का रंग पानी की तरह या बहुत ही हल्का पीला होता है। लेकिन जब ये बहुत ज़्यादा पीला या फिर लाल होने लगे तब आपको संभल जाना चाहिए।
हल्के पीले रंग का पेशाब
यूरिन के हल्के पीले रंग का मतलब है कि आप उतना पानी नहीं पी रहे हैं जितनी आपके शरीर को ज़रूरत है। ऐसे में आप थोड़ा ज़्यादा पानी पियें। हालांकि कई बार डायबिटीज और किडनी से जुड़ी बीमारियों की वजह से भी यूरिन का रंग ऐसा हो जाता है।
गाढ़े पीले रंग का यूरिन
अगर आपके पेशाब का रंग गाढ़ा पीला हो जाए तो इसका मलतलब है कि आपकी बॉडी पूरी तरह से डिहाइड्रेटेड हो चुकी है। इस वजह से आपको थकान, नींद की कमी और कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में अब आपको ज्यादा पानी पीने की जरूरत है। एक हेल्दी शरीर के लिए आपको रोजाना 8 से 10 ग्लास पानी पीना चाहिए।
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ब्राउन रंग का यूरिन
ब्राउन रंग का यूरिन आना आपके लिए बिलकुल भी सेफ नहीं है। जब गॉल ब्लैडर या पित्ताशय में इंफेक्शन हो जाता है तब आपको ब्राउन रंग का यूरिन होता है। इसके अलावा पित्त की नली में किसी तरह की चोट या ब्लॉकेज भी इस वजह से हो सकती है, ऐसे में आपको तुरंत यूरिन टेस्ट करना चाहिए।
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लाल रंग का यूरिन
अगर पेशाब का रंग लाल हो जाए तो यह गंभीर समस्या हो सकती है। यह किडनी में स्टोन और मूत्राशय में इंफेक्शन की वजह से हो सकता है। अगर पेशाब करते वक्त दर्द नहीं हो रहा है और पेशाब का रंग लाल है तो यह और चिंता का विषय है। ऐसी स्थिति में कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है।