भारत में चीनी लहसुन बैन होने के बावजूद भी बाजारों में बिक रहा है। सब्जी की दुकान से जो लहसुन खरीदा जाता है वह सेहत के लिए कितना सही है उसमें मिलावट है या नहीं, ये कह पाना बहुत मुश्किल है। क्योंकि बाजार में धड़ल्ले से चाइनीज लहसुन बेचा जा रहा है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में देश के अलग-अलग राज्यों के साथ कई देशों से भी लहसुन आता है। हर लहसुन की अपनी क्वालिटी होती है और पैसे भी उसी के हिसाब से होते हैं। इन लहसुन को अलग-अलग नाम भी दिया जाता है।
अधिकतर सब्जी बेचने वालों को चाइनीस लहसुन की जानकारी नहीं है। वो केवल सस्ते और महंगे लहसुन के हिसाब से मंडी से लहसुन खरीद रहे हैं। एक दो दुकानदार जिस लहसुन को हिमाचल का लहसुन बोलकर बेच रहे हैं वहीं दूसरे दुकानदार उसी को ईरान का लहसुन बता रहे हैं। ऐसे में लोगों के लिए चाइनीज लहसुन की पहचान कर पाना मुश्किल है।
चाइनीज लहसुन की पहचान
चीनी लहसुन दिखने में खिला खिला होता है। इसकी कलियां काफी मोटी होती हैं। हालांकि इसमें उतना स्वाद नहीं होता है। इसकी वजह मिलावटी रासायनिक पदार्थ हैं। यहां तक कि सिंथेटिक भी चाइनीज लहसुन में मिलाया जाता है, जिसकी वजह से कैंसर तक हो सकता है।
नकली लहसुन की पहचान
वहीं मार्केट में इन दिनों नकली लहसुन भी बिक रहा है। इसे हानिकारक केमिकल से तैयार किया जाता है। नकली लहसुन उगाने के लिए लेड, मेटल और क्लोरीन का उपयोग किया जाता है। इस तरह के लहसुन की पहचना है कि लहसुन की गांठ को पलट कर देखें अगर निचले हिस्से पर भी लहसुन एकदम सफेद है और उसमें किसी तरह का कोई ब्राउन निशान नहीं है तो ये नकली लहसुन हो सकता है।
देसी लहसुन की पहचान
सबसे अच्छा है कि आप देसी लहसुन ही खरीदें। देसी लहसुन की पहचान है कि इसकी कलियां छोटी या नॉर्मल साइज की होती हैं। देसी लहसुन की गांठों पर काफी दाग-धब्बे होते हैं। इनका छिलका एकदम सफेद नहीं होता है। देसी लहसुन कहीं ज्यादा खुशबूदार होता है। इसकी कलियों को रगड़ने पर हाथ पर हल्की चिपचिपाहट महसूस होती है।