स्किन के किसी अंग का सफेद होना विटिलिगो कहलाता है। जिसे सफेद दाग के नाम से भी जानते है। आमतौर पर यह समस्या शरीर में मेलानोसाइट्स की कमी के कारण होते है। जो मेलानिन नामक स्किन के पिगमेंट बनाती है। जिससे स्किन में रंग बनने वाली कोशिकाएं खत्म होने के कारण यह सफेद दाग होते हैं। यह सफेद दाग शरीर में किसी भी जगह हो सकते हैं। समय से पहले सिर के बाल, भौहें, पलकें, दाढ़ी के बालों का रंग उड़ जाता है या सफेद हो जाती है। सफेद दाग की समस्या का सामना बड़े ही नहीं बल्कि बच्चों को भी करना पड़ता है। इसलिए समय रहते इससे निजात पाना बहुत जरूरी है नहीं यह आपकी पूरे शरीर में फैल सकता है। सफेद दाग की समस्या आमतौर पर किडनी, लिवर और ब्रेन के केमिकल और हार्मोंन्स के बदलाव के कारण होता है।
ये हैं सफेद दाग से जुड़े कुछ मिथ
बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि नॉनवेज या बैंगन खाने के बाद अगर दूध पिया जाए तो इससे स्किन पर सफेद दाग की समस्या पैदा हो जाती है। आपको बता दें कि अभी तक इस बारे में कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं मिला है। साथ ही यह बताना भी बहुत मुश्किल है कि अगर आपकी बॉडी पर सफेद दाग की बीमारी हो जाए तो यह कितनी बढ़ सकती है। हालांकि अगर इसका आयुर्वेदिक इलाज किया जाए तो नए दाग बनने से रोका जा सकता है। कई लोग इन दाग को हटाने के लिए नीम या गौमूत्र का इस्तेमाल करते हैं।
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ये हैं सफेद दाग के शुरूआती लक्षण
- बॉडी के अलग अलग जगहों पर स्किन सफ़ेद होने लगता है
- इसकी शुरुआत सबसे पहले होंठ, हाथ, पैर और चेहरे पर होती है
- बालों रूखे होने लगते हैं
- दाढ़ी और आईब्रो का रंग उड़ जाता है
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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