आत्मविश्वास की कमी किसी को भी आगे बढ़ने से रोक सकती है। क्या आपका बच्चा अंडरकॉन्फिडेंट है? अगर हां, तो आपको उसके अंदर पैदा हुई कॉन्फिडेंस की कमी को दूर करना होगा वरना उसके फ्यूचर पर बुरा असर पड़ सकता है। अगर आप अपने बच्चे को आगे चलकर सफलता हासिल करते हुए देखना चाहते हैं तो परवरिश के शुरुआती दौर से ही बच्चे के अंदर कॉन्फिडेंस डेवलप करने की कोशिश में जुट जाइए। आइए जानते हैं कैसे...
जरूरी है पॉजिटिव माहौल बनाना
घर के अंदर और बच्चे के आसपास पॉजिटिव माहौल बनाए रखना बेहद जरूरी है। नेगेटिव माहौल अक्सर बच्चों के अंदर आत्मविश्वास की कमी को पैदा कर देता है। वहीं, पॉजिटिव माहौल में रहने वाले बच्चे कॉन्फिडेंट महसूस करते हैं। बच्चों को असफलता से सीख लेकर आगे बढ़ते रहने की सलाह दें। आपकी ये सलाह भी उनके अंदर पैदा हुई कॉन्फिडेंस की कमी को दूर करने में कारगर साबित हो सकती है।
सिखाएं घुलना-मिलना
बच्चों को शुरू से ही परिवार के फंक्शन्स में लेकर जाएं। जब बच्चा बचपन से दूसरे बच्चों से मिलता रहेगा, तो खुद-ब-खुद लोगों के साथ घुलने-मिलने की कला सीख जाएगा। बच्चों को शुरू से ही अपनी बात को सही तरीके से पेश करना सिखाना चाहिए जिससे बढ़ती उम्र के साथ उन्हें लोगों के साथ बातचीत करने में झिझक महसूस न हो।
जरूरी है तारीफ करना
कभी-कभी बच्चे दूसरों के जजमेंट के डर की वजह से अंटरकॉन्फिडेंट बनने लगते हैं। ऐसे में आपको अपने बच्चे द्वारा लिए गए छोटे-छोटे फैसलों की तारीफ जरूर करनी चाहिए। आपकी तारीफ सुनने के बाद उनके मन में बैठा हुआ डर बाहर निकल जाएगा।
इस तरह की पैरेंटिंग टिप्स को रेगुलरली फॉलो करना शुरू कर दीजिए और महज कुछ ही महीनों के अंदर खुद-ब-खुद अपने बच्चे के अंदर पॉजिटिव असर देखिए। आपके बच्चे के अंदर धीरे-धीरे कॉन्फिडेंस भरता जाएगा और वो लोगों से बातचीत करने में या फिर अपनी बात कहने में झिझक महसूस नहीं करेगा।