बच्चों को शुरू से ही इज्जत करना नहीं सिखाया गया तो उनकी बदतमीजी धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। बच्चों के इस तरह के बुरे बर्ताव को समय रहते सुधारना बेहद जरूरी है वरना आगे चलकर बच्चे की पर्सनालिटी में असभ्य व्यवहार शामिल हो जाता है। आइए कुछ ऐसी पैरेंटिंग टिप्स के बारे में जानते हैं जिनकी मदद से आपके बच्चे को न केवल अपनी गलती का एहसास होगा बल्कि वो अपना बर्ताव सुधारने की कोशिश भी करने लगेगा।
सही-गलत तरीके के बीच का फर्क
बच्चों को अपनी बात को पेश करने के सही तरीके के बारे में बताना बेहद जरूरी है। जब भी बच्चा बदतमीजी से अपनी बात कहता है तो आपको उसे तुरंत टोकते हुए उसको सही तरीका फॉलो करने पर जोर देना चाहिए। चार-पांच बार इस तरह से टोकते रहने से आपके बच्चे का बर्ताव अपने आप सुधरने लग जाएगा।
गुस्से पर काबू पाएं
अगर बच्चा बदतमीजी करता है तो आपको अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए। दरअसल, बच्चे पर चिल्लाने से या फिर बच्चे पर हाथ उठाने से बच्चे की बदतमीजी बढ़ सकती है। आपको बच्चे से कुछ घंटों के लिए बताचीत बंद कर देनी है। इस तरीके की मदद से बच्चे को खुद-ब-खुद अपनी गलती का एहसास होने लगेगा। बच्चा न केवल आपसे माफी मांगेगा बल्कि अपने बर्ताव को सुधारने की कोशिश भी करेगा।
संगती पर ध्यान देना है जरूरी
अगर बच्चे ने कुछ समय पहले ही बदतमीजी करना शुरू किया है तो आपको उसकी संगती पर भी नजर रखनी चाहिए। गलत संगती आपके बच्चे की पर्सनालिटी पर बुरा असर डाल सकती है। अगर आपका बच्चा इस तरह के दोस्त बना रहा है तो आपको उसे सावधान करते हुए नए दोस्त बनाने की सलाह देनी चाहिए।
बच्चे की अच्छी परवरिश करने के लिए इस तरह की टिप्स को फॉलो करना बेहद जरूरी है। अगर आपने अपने बच्चे की परवरिश पर ध्यान नहीं दिया तो आपका बच्चा बिगड़ सकता है।
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