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Hariyali Amavasya 2022: क्यों मनाई जाती है हरियाली अमावस्या? जानें पूजा मुहूर्त और महत्त्व

सावन के पूरे माह में भगवान शिव जी की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस माह में भक्त के ऊपर भगवान शिव की कृपा बरसती है।

Written by: Poonam Shukla @Poonams65850364
Updated on: June 29, 2022 19:08 IST
हरियाली अमावस्या 2022- India TV Hindi
Image Source : PIKFREE हरियाली अमावस्या 2022

Highlights

  • हरियाली अमावस्या 28 जुलाई 2022 को मनाई जाएगी।
  • सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है।
  • हरियाली अमावस्या पर्यावरण के महत्व को दर्शाती है।

हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत महत्व होता है, लेकिन सावन माह की अमावस्या भगवान शिव को समर्पित होती है। इस वजह से सावन महीने की अमावस्या का महत्त्व और बढ़ जाता है। सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है, साथ ही हरियाली अमावस्या पर्यावरण के महत्व को भी दर्शाती है। वहीं हरियाली अमावस्या के दिन कृषि उपकरणों की भी पूजा की जाती है। 

हरियाली अमावस्या तिथि

सावन के पूरे माह में भगवान शिव जी की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस माह में भक्त के ऊपर भगवान शिव की कृपा बरसती है। इस साल हरियाली अमावस्या 28 जुलाई 2022 को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल सावन मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार सावन की अमावस्या तिथि 27 जुलाई, बुधवार को रात 9 बजकर 11 मिनट से शुरू होगी जो 28 जुलाई, गुरुवार को रात 11 बजकर 24 मिनट तक मान्य होगी। ऐसे में उदया तिथि को मान्य करते हुए हरियाली अमास्या का व्रत 28 जुलाई को रखा जाएगा।

हरियाली अमावस्या का महत्व

ज्योतिषियों के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन पिंडदान और तर्पण करना अच्छा मना जाता है। हरियाली अमावस्या का पर्व हमारे जीवन में पेड-पौधों के महत्व को बताता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पेड़-पौधा लगाना बहुत अच्छा होता है। इस दिन पेड़ पौधों को लगाने से देवी देवता प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान देते हैं।

हरियाली अमावस्या में कैसे करें भगवान शिव की पूजा

हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करें। शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें, सफेद फूल चढ़ाएं। देवी पार्वती को श्रृंगार चढ़ाएं। दीपक जलाएं, उन्‍हें भोग लगाएं। पूजा के दौरान ऊँ उमामहेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें। इस अमावस्या पर अपने पूर्वजों के लिए तर्पण करें। सावन की इस अमावस्‍या पर दान जरूर करें। 

 

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