Highlights
- गामा पहलवान को रुस्तम-ए-हिंद के नाम से जाना जाता है
- गामा पहलवान ने वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम किया था
Gama Pehlwan Birthday: अपने जमाने के महान पहलवानों में से एक गामा पहलवान के 144वीं जयंती पर गूगल ने डूडल तैयार किया है। इस डूडल को कलाकार वृंदा जावेरी ने बनाया है। डूडल में गामा पहलवान को गदा के साथ दिखाया गया है। गामा पहलवान का असली नाम गुलाम मोहम्मद बख्श बट है। उन्हें रुस्तम-ए-हिन्द के नाम से भी जाना जाता है।
द ग्रेट गामा का जन्म 22 मई, 1878 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के अमृतसर जिले के जब्बोंवाल गांव में हुआ था। उत्तर भारत में पारंपरिक कुश्ती 1900 की शुरुआत में विकसित होने लगी थी। इस विधा में हाथ आजमाने के लिए लोग भव्य टूर्नामेंट में हिस्सा लेते थे, जिसमें जीते जाने पर उन्हें पहचान मिलती थी। गामा भी इस कड़ी का हिस्सा होने लगे और इन टूर्नामेंट्स को जीत कर मशहूर होने लगे।
उन्होंने अपने करियर के दौरान कई खिताब हासिल किए, जिसमें 1910 में वर्ल्ड हैवीवेट चैम्पियनशिप का इंडियन वर्जन और 1927 में वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप शामिल हैं।
वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप के बाद उन्हें टाइगर की उपाधि से भी नवाजा गया। प्रिंस ऑफ वेल्स ने अपनी भारत यात्रा के दौरान महान पहलवान को सम्मानित करने के लिए एक चांदी की गदा भेंट की। गामा की विरासत आज के समय के रेसलर को प्रेरित करती रही है। यहां तककि ब्रूस ली भी गामा पहलवान के बड़े फैन रहे हैं।
1947 में विभाजन के दौरान गामा ने कई हिंदुओं की जान बचाई। विभाजन के बाद, उन्होंने अपनी बाकी बची हुई जिंदगी पाकिस्तान के लाहौर में बिताई। इसी शहर में उन्होंने अंतिम सांस ली।