G20 summit: भारत इस समय अपने विदेशी मेहमानों के लिए सज-धजकर तैयार है। जहां, एक तरफ जी-20 में आने वाले मेहमानों के लिए भारतीय परंपराओं और कलाकृतियों का एक क्राफ्ट मेला रखा गया है तो वहीं, खाने की मैन्यू पूरे भारत की रेसिपी से भरपूर है। अब बात खाने की आई है तो, जान लें कि हमारे मेहमानों के लिए शाही अंदाज में चांदी के बर्तनों में खाना परोसा (g20 summit india guest will served in silverware) जाएगा। बता दें कि इसमें कुछ नया नहीं है बल्कि, भारत में बच्चा पैदा होता है तो उसे सबसे पहले शहद चांदी के चम्मच से चटाया जाता है। तो, शादी में चांदी के बर्तन दिए जाते हैं। इसी तरह राजघरानों में भी ये परंपरा रही है। लेकिन, सवाल ये है कि ये क्यों खास है। जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
चांदी के बर्तन में खाना खाने के फायदे-benefits of eating in silverware in hindi
1. चांदी ठंडी धातु है
चांदी एक ठंडी धातु है जो कि शरीर में ठंडक पैदा करती है। ये खाना पचाने और वात-पित्त औक कफ को बैलेंस करने में मदद करती है। इसके अलावा जब आप इसमें खाना खाते हैं तो ये मेटाबोलिज्म को तेज करती है, पाचन एंजाइम्स को बढ़ावा देती है और डाइजेशन को बेहतर बनाने में मदद करती है।
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2. कीटाणुरहित है चांदी
चांदी कोई हानिकारक कंपाउंड नहीं होते हैं और चांदी कटलरी बाजार में उपलब्ध अन्य सभी कटलरी का सबसे हेल्दी विकल्प हैं। साथ ही ये एंटी-बैक्टीरियल और चांदी के बर्तनों को सिंथेटिक या प्लास्टिक के बर्तनों की तरह कीटाणुरहित (sterilized) करने की जरुरत नहीं होती है। इसके अलावा चांदी बैक्टीरिया को हमारे शरीर में प्रवेश करने से रोकने में मदद करती है और हमें कई बीमारियों से बचा सकती है।
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3. बिना गर्म किए खाना लंबे समय तक ताजा रहता है
चांदी एक नॉन-टॉक्सिक पदार्थ है इसलिए इसके बर्तन प्लास्टिक,सिंथेटिक्स, एल्यूमीनियम और सीसा जैसे पदार्थों से ज्यादा साफ, शुद्ध और हेल्दी माने जाते हैं। साथ ही ये खाने को लंबे समय तक फ्रेश रखने में मदद करती है। क्योंकि इसकी रिएक्टिविटी रेट थोड़ी स्लो है इस वजह से इसमें खाना खराब नहीं होता। इसके अलावा ये देखने में काफी सुंदर और शाही लगता है। इसलिए भी इस शाही भोज में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।