टीनएज में बच्चों के दिल और दिमाग में विचारों का तूफान आना शुरू हो जाता है। इस उम्र में बच्चे खुद को सेल्फ डिपेंड समझने लगते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें कुछ भी समझाने की जरूरत नहीं है। इस उम्र में कई बार ध्यान नहीं देने या जरूरत से ज्यादा फोकस करने पर बच्चे गलत राह पर चले जाते हैं। ये जीवन की सबसे टेढ़ी मेढ़ी डगर होती है जहां बच्चों को सही राह दिखाना जरूरी होता है। इस वक्त बच्चों को संभालना ही नहीं बल्कि सही से संभालना जरूरी होता है। अगर आपको बच्चे के दिल के करीब जाना है तो कुछ बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए। हर माता पिता को इन 4 बातों को ध्यान में रखते हुए ही बच्चों के साथ व्यवहार करना चाहिए।
टीनएज बच्चों के साथ पैरेंट्स ऐसा व्यवहार रखें
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उन्हें फीलिंग्स शेयर करने दें- टीनएज बच्चे को माता पिता को ऐसा माहौल देना चाहिए, जहां बच्चा अपनी फीलिंग्स को शेयर कर सके। खुल कर बात कर सके। इसके लिए बच्चे से बात करने के तरीके खोजें। उनसे पूछें कि उनका दिन कैसा रहा और वे क्या कर रहे हैं। आप उन्हें अपने साथ किसी काम में शामिल करें। बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। उन्हें अहसास दिलाएं कि चाहे कुछ भी हो जाए आप उनके साथ हैं। जब वो खुलकर बात करें तो उन्हें हर चीज में गलत साबित न करें। उनकी तारीफ करें और कहें कि आप उन्हें समझ रहे हैं।
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उनका सपोर्ट सिस्टम बनें- बच्चों को हमेशा इस बात का अहसास दिलाएं कि आप हर अच्छे बुरे डिसीजन में उनके साथ हैं। उन्हें गलत करने से रोकें, लेकिन समझाते हुए और प्यार से। उनके साथ उनकी पढ़ाई में हेल्प करें। टीनएज में हर किसी को आजादी चाहिए होती है। थोड़ा उन्हें पढ़ाई से फ्री करके कुछ शौक भी पूरा करने दें। इस दौरान आप खुद भी उनके साथ हो सकते हैं। इससे बच्चे को ब्रेक भी मिलेगा और आपका साथ भी।
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मुश्किल वक्त में साथ दें- अपने टीनएज बच्चे की बात सुनें और शांति से उनकी समस्या को सुलझाने की कोशिश करें। याद रखें हर किसी को गुस्सा आता है। जब आप गुस्से में हों तो कभी भी किसी मुद्दे पर बातचीत न करें। खुद को पहले कूल करें फिर बच्चों से बात करें। खासतौर से जब वो अपने किसी गलत काम के लिए खुद को जिम्मेदार मान रहे हों या फिर उसे करने का पछतावा हो तो आप उन्हें समझाएं।
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अपना ख्याल रखना सिखाएं- देखभाल करने वालों को बहुत सी चीजों से निपटना पड़ता है। ऐसे में खुद का ख्याल रखें। अपने बच्चों को भी सबसे पहले सिखाएं कि कैसे खुद की देखभाल करनी चाहिए। अगर आप परेशान हैं तो दूसरों से मदद मांगने में देर न करें। ये एकदम नॉर्मल बात है। आपको ऐसे किसी इंसान से बात करनी चाहिए जिससे आप खुलकर बात कर सकें। दिन में कुछ देर उन कामों के लिए भी निकालें जो आपको टेंशन फ्री रखते हैं। बच्चों को स्ट्रेस फ्री लाइफ जीने का तरीका सिखाएं।