भारतीय सिनेमा की तुलना में टेलिविजन ज्यादा लोगों तक पहुंचता है। 80 और 90 के दशक में भारतीय टेलिविजन ने सीरियल्स के माध्यम से कल्चर में बहुत बदलाव किया है। 90 के दशक के बाद से टेलिविजन इंडस्ट्री में बहुत बदलाव आए हैं। 90 के दशक के बाद सास-बहू वाले सीरियल आने लगे थे। मगर उससे पहले दूरदर्शन के कुछ खास सीरियल हैं जिन्होंने आज भी लोगों के दिलों पर अपनी छाप छोड़ी हुई है।
अगर आप 80 या 90 के दशक के बच्चें हैं तो आपको याद होगा दूरदर्शन पर आने वाले सीरियल्स के बारे में। क्योंकि उस समय के बच्चों के लिए मनोरंजन का साधन सिर्फ दूरदर्शन हुआ करता था। चित्राहार और रंगोली आपको उन बचपन के दिनों की याद दिला देंगे।
अगर आपने दूरदर्शन पर आने वाले सीरियल नहीं देखें तो आपको इनके बारे में बताते हैं। साथ ही यह 80 और 90 के दशक के बच्चों के बचपन को एक बार फिर याद दिला देगा।
बुनियाद:
बुनियाद एक फैमिली ड्रामा था जो 1986 में आया करता था। इस सीरियल में आलोक नाथ, अनीता कंवर, सुरेखा सीकरी, सुधीर पांडे और सोनी राजदान थे। यह शो 1987 में खत्म हो गया था। शो को मनोहर श्याम जोशी ने डायरेक्ट किया था।
फौजी:
बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान ने अपने करियर की शुरूआत टीवी से ही की थी।। फौजी में इंडियन आर्मी ऑफिसर की ट्रेनिंग दिखाई गई थी। यह शो हिट रहा था। 1989 में आया है यह सीरियल सिर्फ 13 एपिसोड्स का था।
मालगुडी डे:
यह सीरियल आरके नारायण के नॉवेल पर आधारित था। इस शो को कन्नड़ एक्टर शंकर नग ने डायरेक्ट किया था। बच्चों में यह शो बहुत फेमस था।
करमचंद:
करमचंद डिटेक्टिव हमेशा बेस्ट रहेगा। शो में पंकज कपूर डिटेक्टिव का किरदार निभाते थे। शो तो पंकज पारासर ने डायरेक्ट किया था।
मुंगेरीलाल के हसीन सपने:
यह सीरियल एक क्लर्क की कहानी है जो दिन में सपने देखकर अपनी इच्छाएं पूरी करता था। शो को फिल्ममेकर प्रकाश झा ने डायरेक्ट किया था। मुंगेरीलाल के हसीन सपने में रघुबीर यादव लीड रोल में नजर आते थे।