World Environment Day: 5 जून को पूरी दुनिया वर्ल्ड World Environment Day सेलिब्रेट कर रही है। इस बार की थीम है वायु प्रदूषण। देश की राजधानी दिल्ली में कितना वायु प्रदूषण है ये किसी से छिपा नहीं हुआ है। हर साल ठंड में दीवाली के बाद पूरी दिल्ली की हवा इतनी प्रदूषित हो जाती है कि सांस लेना भी दूभर हो जाता है। पूरा शहर धुआं धुआं हो जाता है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के गाजीपुर के लैंडफिल में लगा कूड़े का ढेर इतना ऊंचा बन चुका है अगर कुछ नहीं किया गया तो इसकी ऊंचाई अगले साल तक ताज महल से भी ऊंची हो जाएगी। राजधानी के लिए ये किसी धब्बे से कम नहीं है।
1984 में गाजीपुर लैंडफिल बना था, और साल 2002 में ही अपना क्षमता पूरी कर चुका है उस वक्त ही इसे बंद कर देना था लेकिन हुआ नहीं अब भी रोज ट्रक ट्रक भरकर कचरा यहां आता है और ऊपर डाल दिया जाता है। यहां गंदगी और बद्बू का अंबार लगा रहता है। हर वक्त यहां बाज और जानवर मंडराते रहते हैं।
अगले साल ताजमहल से भी ऊंचा हो जाएगा कूड़े का पहाड़
दिल्ली के इस कूड़े वाले पहाड़ की लंबाई हर साल 10 मीटर तक बढ़ जाती है। इस वक्त इसकी लंबाई 65 मीटर है यानी अगले साल तक इसकी लंबाई 75 मीटर हो जाएगा। ताजमहल की ऊंचाई 73 मीटर है यानी कि अगले साल यह कूड़े का पहाड़ ताजमहल से भी ऊंचा हो जाएगा और इससे ज्यादा शर्म की बात हमारे लिए कुछ नहीं हो सकती है।
दिल्ली के एक म्यूनिसिपल अधिकारी ने बताया कि हर साल यहां 2000 टन तक कचरा फेंका जाता है। 2018 में बारिश के दौरान यह पहाड़ ढह गया था और दो लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद यहां कूड़ा फेंकने पर रोक लग गई थी। लेकिन अब फिर से इससे प्रतिबंध हट गया है क्योंकि सरकार के पास कोई विकल्प ही मौजूद नहीं है।
इस कचरे में बनने वाली मीथेन गैस से कई बार यहां आग लग जाती है। जिसे बुझाने में कई दिन लग जाते हैं। कूड़े से निकलने वाली मीथेन गैस जब वातावरण में मिलती है तो उसे भी जहरीली बना देती है और फिर सभी दिल्ली वासी उसी हवा में सांस लेते हैं।
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