आज यूपी वोर्ड के10 वीं और 12वीं के रिजल्ट आने वाले हैं लाजमी है पूरे साल की मेहनत आज के दिन रंग लाएगी और यही वजह है कि बच्चे से लेकर पैरेंट्स तक इस खास दिन का इंतजार करते है लेकिन इसके साथ ही कहीं न कहीं एक बात की डर भी रहती है हमारा बच्चा का कितना नंबर आएगा, कौन सी सब्जेक्ट मिलेगी ? कई पैरेंट्स ऐसे भी जो रिजल्ट से पहले ही अपने बच्चे के दिमाग पर प्रेशर बना देते हैं कि अगर कम नंबर आए तो यह हो जाएगा अगर नंबर ज्यादा आए तो वह हो जाएगा। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि नंबर कम आए या ज्यादा लेकिन भविष्य में आपका आत्मविश्वास ही काम आने वाला है। तो चलिए ये तो आने वाला समय बताएगा किसके कितने नंबर आएंगे लेकिन उससे पहले बच्चे और उनके पैरेंट्स के लिए हम लाए हैं कुछ खास टिप्स जिसे फॉलो कर रिजल्ट के प्रेशर से आप टेंशन फ्री तो जरूर रहेंगे।
रिजल्ट के महीनों में छात्र-छात्राओं के साथ पैरेंट्स भी एक अलग तरह का तनाव लगातार महसूस करते हैं। ऐसे में बेहद जरूरी है कि पैरेंट्स ना केवल खुद इस स्थिति उबारें बल्कि अपने बच्चों को भी एक बेहतर माहौल दें, क्योंकि किसी छात्र-छात्रा के लिए उसके रिजल्ट ही आगे की जिंदगी तय करते हैं। आइए जानते हैं उन कुछ खास कदमों के बारे में जो आपको तत्काल उठाने की आवश्यकता है।
बच्चों से ना कहें ऐसी बातें
रिजल्ट के दिनों के दरम्यान अपने बच्चे को हतोत्साहित या निराश करने वाली बात ना कहें। मसलन, 'तुमने साल भर पढ़ाई नहीं की', 'तुमसे पढ़ाई-लिखाई नहीं हो पाएगी', 'तुम फेल हो जाओगे' इस तरह की तमाम बातें जिनसे बच्चे के रिजल्ट में कोई फर्क नहीं डालने वाली हैं, लेकिन बच्चे को नकारात्मक बना सकती हैं। इसलिए भरसक कोशिश करें कि घर का महौल सकारात्मक बना रहे।रिजल्ट को नॉर्मल तरीके से डिल करें
सभी माता-पिता के जीवन में कई उतार-चढ़ाव देख चुके होते हैं। ऐसे में अपने बच्चे से बिल्कुल कुछ ऐसी उम्मीद लगाए ना बैठे जो वो खुद नहीं कर सके। बल्कि अपने बच्चे को लगतार उन कहानियों से अवगत कराएं जो उनकी अपनी जिंदगी में घटीं और उससे होने वाले नफे-नुकसान के बारे में भी बताएं। साथ ही यह जरूर बताएं कि रिजल्ट जैसा भी आए, आगे जिंदगी में किस तरह से आगे बढ़ना चाहिए।
बच्चों की रुचि को बिल्कुल ना करें अनदेखा
पढ़ाई के दौरान और बच्चे की रोजाना की दिनचर्या से उन चीजों के बारे में जानने की कोशिश करें कि उनके बच्चे का मन किन विषयों में ज्यादा लगता है। ऐसा कई बार होता है कि बच्चों का मन खेल-कूद में ज्यादा लगता है। ऐसे में बच्चों से सीधे बात कर के रुचियों पर जमकर चर्चा करनी चाहिए। साथ ही उन्हें अवगत कराना चाहिए कि वो जो चाहते हैं वह जरूरी है। उन्हें उन कामों के लिए भी वक्त मिलेगा। लेकिन कुछ जरूरी चीजें और भी हैं जिन्हें साथ ही करते चलें।
खुद रखें इन बातों का ध्यान
बच्चा मन कई बार चमक-दमक या आकर्षित करने वाली चीजों की ओर आकर्षक हो जाता है। ऐसे में बच्चे के मन को हतोत्साहित करने वाली बातें कहने से अच्छा है कि पहले पैरेंट्स खुद उस तरह की पढ़ाई के कोर्स, फीस, कॅरियर की पूरी जानकारी इकट्ठा करें। फिर बच्चे को पूरी जानकारी के साथ अपनी बात को बताएं।
फीस का कर लें पहले ही इंतजाम
रिजल्ट के ठीक बाद की चुनौती फीस का इंतजाम करना होता है। ऐसे में अचानक से खुद परेशानी में डालने से अच्छा है कि पैरेंट्स को अंदाज लगाकर अभी से फीस का इंतजाम कर लेना चाहिए। साथ संभावित एडमिशन वाली जगहों के बारे में भी जानकारी जुटाकर जरूरी डॉक्यूमेंट को सहेजने का काम शुरू कर देना चाहिए।
इन कुछ छोटे-छोटे कदमों से ना केवल रिजल्ट के समय आप सामान्य रहेंगे बल्कि जरूरी काम भी निपटाते चलेंगे। साथ ही ऐसे मौकों पर आप बच्चे के लिए कुछ सरप्राइज घूमने-फिरने का प्लान भी कर सकते हैं।