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महिला दिवस: क्या आप इन औरतों को जानते हैं? इन्हें इस साल पद्म पुरस्कार मिला है

इस साल पद्म पुरस्कार पाने वाली महिलाओं में कई महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें उनके ही क्षेत्र के लोग पहचानते तक नहीं। जमीन से जुड़ी ये औरतें संघर्ष और हुनर की ताजातरीन मिसाल हैं।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: March 08, 2020 7:09 IST
पद्म पुरस्कार पाने...- India TV Hindi
पद्म पुरस्कार पाने वाली महिलाएं

इस साल पद्म पुरस्कार पाने वाली महिलाओं में कई महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें उनके ही क्षेत्र के लोग पहचानते तक नहीं। जमीन से जुड़ी ये औरतें संघर्ष और हुनर की ताजातरीन मिसाल हैं। इन्होंने अपनी मेहनत और लगन से जो प्रयास किए वो फलीभूत  हुए। इन्हें इस साल पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। देखिए तो सही आप इनमें से कितनी महिलाओं को पहचान पाते हैं।

Padma Awatrdee Women

पद्म पुरस्कार पाने वाली महिलाएं

तीजन बाई 

तीजन बाई का नाम जरूर आपने सुना होगा। 62 साल की डॉ तीजन बाई भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के पंडवानी लोक गीत-नाट्य की पहली महिला कलाकार हैं। पांडवानी छत्तीसगढ़ की एक पारंपरिक प्रदर्शन कला है जिसमें महाभारत की कहानियों को संगीत के रूप में बनाया और गाया जाता है। इस वर्ष उन्हें सर्वोच्च पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया, वहीं तीजन को पहले ही 1987 में पद्म श्री, 2003 में पद्म भूषण और 1995 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वह केवल 13 वर्ष की थीं, जब उन्होंने केवल 10 रुपये में अपना पहला सार्वजनिक प्रदर्शन दिया था। इन्हें 2019 में पद्म विभूषण से नवाजा गया। 

Teejan Bai

तीजन बाई 

गोदावरी दत्ता 
मिथिला आर्ट बिहार की संस्कृति है। जापान में मिथिला म्यूजियम के लिए मिथिला पेंटिंग बनाने गोदावरी सात बार जापान गई। देश और विदेश में मधुबनी पेंटिंग में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। गोदावरी दत्ता ने 1980 में राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। उन्हें 2006 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा "शिल्प गुरु" की उपाधि भी दी गई थी। इन्हें 2019 में पद्म श्री से नवाजा गया। 

Godavari Dutta

गोदावरी दत्ता 

नृत्यांगना नर्तकी नटराज 
54 वर्षीय नर्तकी नटराज तमिलनाडु की एक प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना हैं और भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय की पहली महिला हैं जिन्होंने पद्म पुरस्कार प्राप्त किया है। इन्होंने देश-विदेश में लगातार स्टेज शोज किए और भारत का नाम रौशन किया है। इन्हें 2019 में पद्म  से नवाजा गया। इन्हें 2019 में पद्म श्री से नवाजा गया। 

 
नृत्यांगना नर्तकी नटराज 

Image Source : NARTAKI NATRAJ
  नृत्यांगना नर्तकी नटराज 

राजकुमारी देवी
शादी के बाद राजकुमारी देवी ने खेती, अचार व मुरब्बा और छोटे-मोटे कृषि उत्पाद बनाने शुरू किए। राजकुमारी साइकिल पर मेले और घर-घर जाकर इसकी बिक्री करती थी और उन्होंने अपने आसपास की महिलाएओं व युवतियों को प्रशिक्षण दिलाकर इस काम में लगाया। महज डेढ़ सौ रुपये से शुरू किया गया कारोबार इतना बढ़ गया कि बिहार सरकार ने वर्ष 2007 में राजकुमारी देवी को किसान श्री से सम्मानित किया। राजकुमारी यह सम्मान पाने वाली एकमात्र महिला थीं। इस सम्मान के बाद ही राजकुमारी का 'साइकिल चाची का नाम किसान चाची हो गया। इन्हें 2019 में पद्म श्री से नवाजा गया। 

Rajkumari Devi

राजकुमारी देवी

जमुना टुडू
जमुना को लेडी टार्ज़न के रूप में जाना जाता है। वे अपने महिला साथियों के साथ झारखंड के विभिन्न इलाकों में जंगल माफिया से लोहा लेती हैं और पेड़ों की अवैध कटाई को रोकती हैं। इस गॉडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कार विजेता के पास झारखंड में वन भूमि के आसपास काम करने वाले 300 समूह हैं। उन्हें 2017 में नीती आयोग द्वारा वुमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवार्ड के लिए भी चुना गया था। इन्हें 2019 में पद्म श्री से नवाजा गया। 

Jamuna Tudu

जमुना टुडू

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