आज देश भर में 72वां गणतंत्र दिवस बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस खास मौक पर जगह-जगह पर राष्ट्रप ध्वज फहराया जाएगा। लेकिन क्या आप तिरंगा फहराने का नियम जानते है। साल 2002 में भारतीय ध्वज संहिता बनाई गई थी। जिसमें इनके सभी नियमों, औपचारिकताओं और निर्दशों के बारे में बारीकी से बताया गया है। इसे 26 जनवरी 2002 में लागू किया था। इसका उल्लंघन करने पर कानूनी तौर पर सजा का प्रावधान है। जानिए तिरंगा फहराने का सही तरीका।
राष्ट्र ध्वज फहराते समय ध्यान रखें ये बातें
- तिरंगा कभी भी गलत ढंग से नहीं फहराना चाहिए। इस पर आर्थिक दंड के साथ-साथ जेल भी हो सकती है। इसको लेकर भारतीय ध्वज संहिता नाम का एक कानून है।
- सरकारी भवन पर झंडा रविवार और अन्य छुट्टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है, विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फहराया जा सकता है।
- तिरंगे को कभी भी उल्टा नहीं फहराना चाहिए।
- तिरंगा सूती, सिल्क या खादी का होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा फहराने पर सजा हो सकती है।
- फहराते वक्त झंडा फटा या क्षतिग्रस्त नहीं होना चाहिए, उसका रंग उड़ा नहीं होना चाहिए।
- झंडे पर कुछ भी लिखा या बनाना गैरकानूनी है।
- झंडा जमीन से कभी नहीं छूना चाहिए।
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- जब झंडा फहराए तो उसके आस पास किसी अन्य ध्वज को उससे ऊपर न फहराएं।
- अगर झंडा फट जाए या उसके रंग उतर जाएं तो एकांत में उसे जला दें या जल में बहा दें।
- शहीदों के पार्थिव शरीर से उतरे झंडों को भी जल समाधि दी जाती है।
- अगर आपकों कहीं झंडे का अपमान होता दिखे तो तुरंत पुलिस को खबर करें।
- कहीं झंडा जमीन पर पड़ा या लोगों के पांव तले आता दिखे तो उसे उठाकर जल समाधि दे दें।