International Day of Happiness: हमेशा अपने चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान रखना बहुत ही अद्भुत आर्ट मानी जाती है। जिसके लिए आप किसी न किसी कारण को ढूंढ ही लेते है। हर कोई चाहता है कि कभी वह दुख न हो हमेशा खुश रहे। इसके लिए कई लोग अपने मन को शांत करने के साथ-साथ फनी चीजें या फिर फनी वीडियों तक देखते है। इसी तरह हर साल 20 मार्च को इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाया जाता है। जानें क्यों, कब और कैसे हुई इस शानदार दिन की शुरुआत।
ऐसे हुई इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस की शुरुआत
International Day of Happiness मनाने का आइडिया यूएन की मशहूर समाज सेवी जेमी इलियन (Jayme Illien) का था। जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खुश रहने को अपने जिंदगी का मकसद बनाकर हर एक बुलंदी को छूआ जा सकता है। उनके इस आइडिया को यूएन के सेक्रेटरी जनरल बान की मून ने भी प्रोत्साहित किया और तो और यूएन के 193 देशों का भी सपोर्ट मिला। जिसके बाद पहली बार इस डे को 20 मार्च 2013 को मनाया गया।
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आखिर कौन है जेमी इलियन?
International Day of Happiness की स्थापना से 32 साल पहले जेमी इलियन एक अनाथ थे जिन्हें मशहूर समाज सेविका मदर टेरेसा की संस्था ने कलकत्ता की सड़कों से उठाया था। बाद में जेमी को एना बेल इलियन नाम कि एक सिंगल अमेरिकी महिला ने गोद ले लिया। जेमी यूएन के सलाहकार रह चुके हैं।
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस की थीम
हर साल International Day of Happiness की एक विशेष थीम होती है। इस बार की थीम है- "Happier Together"। यानी कि "एकसाथ खुश "। इस थीम का मकसद उन चीज़ों की ओर ध्यान देना है जो हम में एक जैसी हैं बजाए उसके जो हमें आपस में बांटती हैं। हर कोई खुश रहना चाहता है और जब हम साथ होते हैं तब ज़िन्दगी ज़्यादा खुशहाल होती है।
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