एक बार फिर स्वतंत्रता दिवस Independence Day 2019 आ गया है। सब नागरिकों के देश में देशभक्ति हिलोरें मार रही है। तिरंगे लहराए जा रहे हैं और देश को आजाद कराने वालों को सलामी दी जा रही है। लेकिन क्या आप जनते हैं कि सीमा पर खड़े रहकर दुश्मन का सामना करने वाला सैनिक भी चाहता है कि आजाद देश अपनी कुछ पुरानी आदतों को बदल डाले ताकि वो सही मायने में विकास कर सके।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वतंत्रता Independence केवल वही नहीं होती जो जमीन को टुकड़े को आजाद कराकर हासिल की जाती है। स्वतंत्रता विचारों की भी होती है और आदतों की भी। आज प्रण कीजिए कि अपनी बुरी आदतों को छोड़कर आप अपने स्वतंत्र देश को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे।
गंदगी से आजादी
सबसे पहली आजादी चाहिए गंदगी से। ये देश गंदगी का भंडार बनता जा रहा है। सही मायनों में ये स्वर्ग तभी बनेगा जब आप सड़कों पर कूड़ा नहीं फैलाएंगे और न ही फैलाने देंगे। कूड़ाघरों और टॉयलेट्स का इस्तेमाल करेंगे।
रिश्वत से आजादी
रिश्वत से आजादी ही असली आजादी है। देश आजाद तो हो चुका है लेकिन भ्रष्टाचार और रिश्वत के चलते आजाद देश में जीना मुश्किल है। रिश्वत न दीजिए और न लीजिए। ऐसे लोगों के चेहरे बेनकाब कीजिए। लाइन में लगकर काम करवाइए। शॉर्टकट का इस्तेमाल बंद कर देना भी देश को खुशहाली और ईमानदारी की तरफ ले जाएगी। आप पहल तो कीजिए।
झूठ बोलने से आजादी
झूठ बोलने वाले लोग अपने साथ साथ दो चार नहीं हजारों लोगों का नुकसान करते हैं। झूठ बोलना बंद कीजिए। सच बोलिए और टिके रहिए।
अफवाह फैलाने से आजादी
आजकल नए किस्म की अराजकता फैली है और वो है अफवाहों की।सोशल मीडिया के जमाने में ये अफवाहें देश को गुलाम बना रही हैं, हर नकारात्मक बात तेजी से फैल रही है और सच का दम घुट रहा है। अफवाहों को फैलने से रोकिए,देश खुद ब खुद खुशहाल हो जाएगा।
बाल श्रम से आजादी
जब देश का भविष्य नन्हें हाथों से जूठे बर्तन मांझे और झाडू लगाए, चूड़ियां बनाए,पत्थर तोड़े तो काहे की आजादी। भविष्य को आजाद रखना है तो बाल श्रम से उसे आजाद कराइए। न बाल श्रम करवाइए और न करने दीजिए। बच्चों को प्यार, पूरा पोषण और सही परवरिश देने की आदत बनाएंगे तो देश सही मायनों में आजाद होगा और आगे जाकर विकसित भी।
औऱतों की बराबरी की आजादी
औरतों को कमतर समझना बंद कीजिए। हर एक मुल्क की बुनियाद औरत और मर्द के बराबर कंधों पर टिकी है। औरतों को बराबरी का दर्जा दीजिए और देश को खुशहाल बनाइए।
बच्चियों पर हमलों से आजादी
ऐसा मुल्क जंगल कहलाता है जहां मासूम सुरक्षित नहीं। देश को खुशहाल औऱ निडर बनाना है तो बच्चियों को कोख औऱ गोद में मारना बंद करना होगा। उन्हें फलने फूलने का मौका दीजिए।
वृद्धाश्रमों से आजादी
अपने देश के बुजुर्गों को घर दीजिए न कि वृद्धाश्रम। जिन्होंने आपका बचपन संवारा है उनका भविष्य अंधेरे में न खोने दीजिए। उनकी जगह आपके घरों में नन्हें बच्चों के बीच में है, देश के वृद्धाश्रमों को खाली कराइए और इस गौरवमयी विरासत को सहेजना सीखिए। तभी होगी खुशहाल आजादी, समाज और देश की।
ब्रेन ड्रेन से आजादी
पले बढ़े यहां, पढ़ाई की यहां तो पैसा कमाने के लिए विदेश क्यों जाना। जिस देश ने आपको पालने और उच्च शिक्षा देने के लिए मेहनत की, उसे आपके हुनर का फल तो मिलना चाहिए। देश को आपके ब्रेन ड्रेन से आजादी चाहिए। ज्यादा कमाई और आराम के लालच में देश का हुनर विदेशों में जा रहा है। उसे रोकना होगा यही देश के लिए आजादी होगी।