गूगल ने भारत की पहली महिला पायलट सरला ठकराल की 107वीं जयंती पर पर खास डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी है। इस डूडल में उनकी उपलब्धियों को दिखाया गया है जिसमें वो हवाई जहाज उड़ाती नजर आ रही हैं। इस डूडल पर क्लिक करने से आपको सरला ठकराल की जिंदगी से जुड़ी जानकारियां मिल जाएगी। वहीं आपको बता दें उनके सम्मान में बनाए गए गूगल के डूडल को आर्टिस्ट वृंदा झावेरी ने बनाया है।
गूगल ने पायलट की जयंती पर कहा कि सरला ठुकराल देश की सभी महिलाओं के लिए एक मिसाल है। यही कारण है कि हमने उनकी याद में 107वीं जयंती के मौके पर ये डूडल बनाया है। गूगल ने आगे कहा कि, सिर्फ 21 साल की उम्र में साड़ी पहन कर विमान में कदम रखा और अकेले ही अपनी पहली उड़ान भरी। पहली उड़ान से आसमान की ऊंचाइयों को छूने के साथ-साथ एक नया इतिहास भी रच दिया था।
अपने सपनों को साकार करके आकाश में उड़ने वाली भारत की पहली महिला पायलट सरला ठाकुर का जन्म 8 अगस्त 1914 को दिल्ली में हुआ था। ये भारत की पहली महिला पायलट थीं। सिर्फ 21 साल की उम्र में सरला ने विमान में पहली बार कदम रखा था और उन्होंने इस विमान को अकेले ही उड़ाया था। इसके बाद वे हर जगह सुर्खियों में छा गईं। सरला ठकराल के पति कैप्टन पीडी शर्मा एयरमेल पायलट थे। सरला ने अपने पति से इंस्पायर हो कर पायलट की ट्रेनिंग शुरु की थी। इसके बाद वे लाहौर चली गई थीं।
सरला ठकराल ने लाहौर के फ्लाइंग क्लब में स्टूडेंट के तौर पर 1000 घंटे तक फ्लाइट टाइम पूरा कर लाइसेंस प्राप्त किया था। लाइसेंस प्राप्त करने वाली ये पहली भारतीय थीं।
सरला ठकराल के पति का एक विमान हादसे में 1939 में निधन हो गया था। इसके बाद सरला ने कमर्शियल पायलट बनने का फैसला किया और फिर कमर्शियल पायलट के लिए ट्रेनिंग लेना शुरू कर दी।
लेकिन उस समय दूसरे विश्वयुद्ध चलने के कारण ट्रेनिंग को बीच में रोकना पड़ा। इसके बाद उन्होंने लाहौर के नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स से फाइन आर्ट्स और पेंटिंग की पढ़ाई शुरू की। इसके बाद 1947 में सरला दिल्ली आ गईं और यहां से उन्होंने पेंटिंग करना जारी रखा। सरला ठकराल का निधन 15 मार्च 2008 को हुआ था।
बता दें इससे पहले गूगल ने भारत की पहली महिला डॉक्टर कादंबिनी गांगुली के जन्मदिन पर भी डूडल बनाया था। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बनने के साथ-साथ डॉक्टर भी थीं। वहीं इनको महिला अधिकार संगठन का पहला सह-संस्थापक भी बनाया गया था।