आज 26 जनवरी है। आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को हमारे भारत में भारतीय संविधान लागू किया गया था। जिसके कारण हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। लिहाजा आज 72वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके को और खास बनाने के लिए गूगल डूडल ने अनोखे तरीके से देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी।
72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर गूगल ने डूडल में कलाकृति के रूप में कई जीवंत संस्कृतियों को दर्शाया है। डूडल भारत की विविधता को दर्शाता है। 26 जनवरी को भारत में किस तरह गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इन सभी चीजों को डूडल में ये दिखाने की कोशिश की गई है। गूगल के होम पेज पर क्लिक करते दी दिखने वाले डूडल में भारत के अलग-अलग राज्यों के और उनकी संस्कृति के बारे में बताया गया है।
इस गूगल डूडल की बात करें तो यह एचडी तस्वीर है जिसमें हरा और नारंगी रंग आमतौर पर इस्तेमाल किया गया है। इस खूबसूरत तस्वीर को मुंबई के अतिथि कलाकर ओंकार फोंडेकर ने बनाया है।
गणतंत्र दिवस के बारे में जानिए
भारतीय संविधान 9 दिसंबर 1946 को बनना शुरू हुआ था। इसको बनाने के लिए 284 लोगों की एक समिति गठित की गयी थी। जिसमें 15 महिलाएं भी थी। संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष डॉ भीम राव आंबेडकर जी थे। भारतीय संविधान 26 नवम्बर 1949 को यानि 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया था। इसके बाद भी इसमे 2000 बदलाव किये गये | तत्पश्चात 24 जनवरी 1950 को समिति के सभी सदस्यों ने इसपर साइन किया और 26 जनवरी 1950 को इसे भारत में लागू कर दिया गया |
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आपको बता दूं कि भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसमें 25 पार्ट, 448 आर्टिकल और 12 शेड्यूल है। भारतीय संविधान आज भी दुनियां का सबसे अच्छा संविधान माना जाता है | क्योंकि आज तक इसमें सिर्फ 103 ही बदलाव हुए है। भारतीय संविधान कई देशों के संविधान के प्रारूप से आइडिया लेकर बनाया गया है, जिस वजह से इसे Bag of Borrowings भी कहा जाता है। संविधान के एक-एक पन्ने को शांति निकेतन के कला भवन में आचार्य नन्दलाल बोस जी और राम मनोहर सिन्हा जी ने डिजाईन किया था, जिसकी ओरिजिनल कॉपी आज भी संसद के लाईब्रेरी में हीलियम गैस के साथ रखी हुयी है | बता दूं कि- हीलियम, हाइड्रोजन के बाद सबसे हल्की गैस मानी जाती है | हीलियम गैस का कोई रंग नहीं होता और ना ही इससे आग पकड़ती है | यह गैस हर तरह के तापमान में बनी रह सकती है।