दुर्गा मां के पर्व कहे जाने वाले महाउत्सव नवरात्र के दौरान पश्चिम बंगाल में छठा ही निराली होती है। इस बार हम आपको बता रहे हैं डे बाड़ी की सौ साल से भी ज्यादा पुरानी दुर्गा पूजा और उसका परंपरा के बारे में। इंडिया टीवी के अर्नब मित्रा ने दुर्गा पूजा के इन सुंदर पंडालों की झलक दिखलाई है।
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डे बाड़ी की दुर्गा पूजा की शुरुआत 1906 में दीनानाथ डे ने की थी। वो पेशे से जमींदार थे। तब से लेकर अब तक ये परंपरा चली आ रही है।
पूजा के लिए मां दुर्गा की सुंदर प्रतिमा बनाई जाती है। इस दौरान परिवार के सभी लोग एकसाथ इकट्ठा होकर आरती करते हैं।
बता दें कि इस बार दुर्गा पूजा पर एक से बढ़कर एक बेहतरीन पंडाल सजाए जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बीचों बीच दुबई के बुर्ज खलीफा की तर्ज पर बनाया गया 145 फीट का दुर्गा पूजा पंडाल लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हर तरह इसके बारे में खूब चर्चा हो रही है। इसके अलावा कुछ जगहों पर किसान आंदोलन और कोरोना के दौरान मजदूरों के पलायन को लेकर भी पंडाल बनाए गए हैं।
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए समिति के सदस्य ने बताया कि इस साल का विषय 'प्रकाश किरण' है जिसका अर्थ है 'सूर्य की किरणें'। यह विषय उन लोगों के जीवन के इर्द-गिर्द घूम रहा है, जिन्होंने 'अम्फान' और 'यस' चक्रवातों के दौरान कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा है।
तस्वीरों के जरिए ये दिखाने का प्रयास किया गया है कि तूफान में सबकुछ तबाह होने के बाद लोगों ने अपने गुजर-बसर के लिए किस तरह की चुनौतियों का समना किया है। उन्हें अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए किस कदर तरस जाना पड़ा है।