ओडिशा की महानदी में अनोखा नजारा सामने आया, जब वहां की महानदी में एक प्राचीन जलमग्न मंदिर मिला। भारतीय नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर अनिल धीर ने इस बात की जानकारी दै है, उन्होंने बताया कि 60 फीट का यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है। नयागड़ जिले के भापुर ब्लाक में आने वाली महानदी में इस पुराने गोपीनाथ मंदिर का उपरी हिस्सा दिखा तो वहां तुरंत विशेषज्ञ टीम पहुंच गई। आईआईटी भुवनेश्वर के डा. राजीव लोचन मिश्र, जिलाअधिकारी पोमा टुडू, उत्तर प्रदेश रोहिलखंड विश्व विद्यालय के पुरातत्वविद प्रो. अनूप रंजन मिश्र, डीएफओ धनराज एचडी, भापुर ब्लाक के बीडीओ सत्य सुन्दर राउत, उपाध्यक्ष गयाधर परिड़ा प्रमुख नाव से मंदिर के नजदीक पहुंचे।
यहां पहुंचने के बाद विशेषज्ञ टीम ने मंदिर की मिट्टी का नमूना निकालकर यह जानने की कोशिश की कि किस परिस्थिति में मंदिर महानदी के गर्भ में समाया था। यह भी पता करने की कोशिश की जा रही है कि मंदिर जल के अंदर ही तैयार किया गया है यह वक्त के साथ अंदर समा गया।
वहीं के स्थानीय लोगों ने इस मंदिर का पुनरुद्धार करके इस जगह को पर्यटन स्थल की मान्यता देने की मांग की है। हालांकि प्रशासन के लोगों ने कहा है कि पानी ज्यादा है ऐसा कर पाना संभव नहीं लग रहा है, फिर भी प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि हर संभव मदद की जाएगी।
मंदिर निर्माण शैली के मुताबिक यह मंदिर 500 साल पुराना माना जा रहा है।