Year Ender 2023: कांजीवरम साड़ियां दक्षिण भारत की एक प्रसिद्ध विरासत है। दरअसल, कांजीवरम असल में एक जगह का नाम है जहां एक खास कस्बे के लोग इसे बनाने का काम करते हैं। ये 100% शुद्ध सिल्क की साड़ियां होती हैं जिन्हें लोग खूब पहनना पसंद करते हैं। इस साल, इस साड़ी सबसे ज्यादा डिमांड रही है और लोगों मे इसे खूब खरीदा और पहना। लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी थे जिन्होंने इस साड़ी के बारे में सर्च भी किया। ज्यादातर लोगों का सवाल था कि इस साड़ी की असली पहचान क्या है। तो, आइए जानते हैं कांजीवरम साड़ियों में असली और नकली का अंतर कैसे समझें।
असली कांजीवरम साड़ियों की पहचान क्या है-How to identify a pure kanjivaram silk saree?
1. बेहद हल्की साड़ियां
कांजीवरम साड़ियों की खास बात ये है कि बेहद हल्की होती है। क्योंकि ये पूरी साड़ी सिल्क की बनी रहती है और इसकी वजह से वेटलेस होती है। ध्यान देने वाली बात ये है कि जितना ऑर्रिजनल सिल्क होगा, साड़ी उतनी ही हल्की होगी। अगर कपड़ा मोटा होगा तो वो मिलावटी हो सकती है।
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2. महीन और चमकीले धागे
महीन और चमकीले धागे असल में सिल्क के होते हैं। सिल्क का अपना रंग ही पीला है। इसलिए असली साड़ियां ज्यादातर गोल्डन कलर की होंगी। तो, कांजीवरम साड़ियां खरीदते समय इस चीज पर भी जरूर ध्यान दें। साथ ही कोशिश करें कि ऑर्रिजनल साड़ी ही लें।
3. साड़ी में पीछे की ओर धागे की डिजाइन
कांजीवरम साड़ियों की पहचान ये भी है कि इसमें पल्लू के पीछे भी धागों की बुनाई आसानी से नजर आ जाएगी। इसके पीधे आपको अलग से एक डिजाइन नजर आएगा। इस वजह से इस साड़ी का लुक ही पूरा अलग नजर आता है।
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4. मैन्युफैक्चरर का टैग
आपको अगर कांजीवरम साड़ियां सस्ती मिल रही है तो भी बिना दाम और टैग के तो बिलकुल भी न खरीदें। असली कांजीवरम साड़ियों में आपको मैन्युफैक्चरर का लोगो या टैग भी मिल जाएगा। तो, अब जब भी आप कांजीवरम साड़ियां खरीदने जाएं इन बातों का ख्याल रखें।