इन दिनों लोगों में बालों की समस्या बहुत ज़्यादा देखी जा रही है। बालों का झड़ना और पकना इतना कॉमन हो गया है कि लोग हेयर केयर में अब कोई लापरवाही नहीं दिखाते। हालात तो ऐसे बन गए हैं कि कम उम्र के बच्चों के बाल भी तेजी से पक रहे हैं। टीनएज में बालों का ग्रे होने एक गंभीर समस्या है। कम उम्र में बाल पकने से बच्चे कई बार मज़ाक का पात्र बन जाते हैं जिससे वे अंडर कन्फिडेंट फील करते हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि किन कारणों से कम उम्र में ही बाल पकने लगे हैं और इससे बचाव के लिए कौन सा उपाय आज़माए।
इन कारणों से पक सकते हैं बच्चों के बाल:
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जेनेटिक फैक्टर: अगर बच्चे के माता-पिता का कम उम्र में बाल सफेद हुए हैं, तो उनके बालों का जल्दी सफेद होना संभव है।
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पोषक तत्वों की कमी: अगर बच्चों के शरीर में विटामिन B12, आयरन और कॉपर जैसे पोषक तत्वों की कमी होने लगे तो इससे भी बाल पकने लगते हैं।
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हॉर्मोनल चेंजेस और स्ट्रेस: टीनएज में होने वाले हार्मोनल बदलाव भी बालों के कलर को प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही ज़्यादा तनाव लेने से भी बाल सफ़ेद होने लगते हैं।
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अनहेल्दी लाइफस्टाइल: असंतुलित आहार, और केमिकल युक्त प्रोडक्ट का इस्तेमाल भी बालों के सफेद होने का कारण हो सकता है।
बचाव के लिए ये उपाय आज़माएं:
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बैलंस डाइट लें: अपनी डाइट में बदलाव करें और अपने खाने में में हरी सब्जियाँ, फल, नट्स, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। विटामिन B12 और आयरन का सेवन बढ़ाएं।
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घरेलु नुस्खे आज़माएं: आंवला, करी पत्ता, हिबिस्कस और नारियल तेल जैसे नेचुरल ट्रीटमेंट बालों को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। इन नुस्खों का उपयोग कर सकते हैं।
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तनाव कम लें: बच्चों को स्ट्रेस कम लेने सेन। उन्हें नियमित योग, मेडिटेशन और व्यायाम करने की सलाह दें। इससे तनाव कम करने में मदद मिलती है।
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सही हेयर केयर का चुनाव करें: हानिकारक केमिकल्स और अत्यधिक हीटिंग टूल्स का सितमल करने से बचें। प्राकृतिक शैंपू और कंडीशनर का ही इस्तेमाल करें।
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एक्सपर्ट सलाह: इन उपायों के बाद भी बाल में कोई असर नहीं हो रहा है तो डॉक्टर या डर्मेटोलॉजिस्ट से कंसल्ट करें। वे आपके लिए सही सप्लीमेंट्स और ट्रीटमेंट्स सुझा सकते हैं।