कोलकाता : दुनिया भर के शीर्ष टैटू कलाकारों में तीन भारतीयों ने जगह बनाई है। येल विश्वविद्यालय प्रेस की ओर से कुछ ही दिन पहले जारी द वल्र्ड एटलस ऑफ टैटू में दुनिया के शीर्ष 100 टैटू कलाकारों में नागालैंड के मो नागा, कोलकाता के अभिनंदन ओबी बासू और दिल्ली के मंजीत सिंह शामिल है। मो नागा अपनी कला के जरिए नागालैंड की विभिन्न जनजातियों की लिप्त होती टैटू परंपरा को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका दीमापुर में अपना टैटू स्टूडियो भी है। वही अभिनंदन बासू के टैटू की जड़े बंगाल लोक कला में निहित हैं। दूसरी ओर दिल्ली के मंजीत सिंह के पास आने वाले ग्राहकों में अधिकतर अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के नागरिक शामिल हैं। मंजीत का भी दिल्ली में अपना टैटू स्टूडियो है।
अमेरिकी टैटू इतिहासकार एन्ना फेलिसीटी फ्राइडमैन ने मीडिया से कहा, मैं किताब को पूरी तरह से वैश्विक बनाना चाहती थी। टैटू के बारे में कई किताबें आई हैं पर भारत, दक्षिण एशिया के तमाम देशों, सब सहारा अफ्रीका समेत कई इलाके और उनसे संबंधित कई पहलू उसमें कही न कही छूट गए। एन्ना ने किताब द वल्र्ड एटलस ऑफ टैटू को संकलित किया है। उन्होंने कहा कि किताब लिखने का मुख्य लक्ष्य स्वदेशी अभ्यास को पुनर्जीवित करना था।
उन्होंने बताया कि मंजीत सिंह का चयन इसलिए किया गया क्योंकि उनके टैटू में कोई भी तस्वीर एकदम जीती जागती लगती है। इसलिए वह इस क्षेत्र की श्रेणी का प्रतिनिधित्व करने के लिए एकदम सही उम्मीदवार थे।
फ्राइडमैन ने बासू के काम में अद्वितीय भारत की छाप को आकर्षण का केंद्र बताया । वही नागालैंड के मो नागा के टैटू को नागालैंड की पारंपरिक संस्कृति, आदिवासी वेशभूषा, लकड़ी की नक्काशी, लोक कथाओं आदि से प्रेरित बताया।
किताब में भारत के टैटू इतिहास को भी रेखांकित किया गया है।
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