भूत-प्रेत के के डर को भगानें के लिए
प्रनवउ पवन कुमार खल बन पावक ग्यान धुन।
जासु हृदय आगार बसहि राम सर चाप घर।।
सफल यात्रा के लिए
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा।
हृदय राखि कौशलपुर राजा।।
ईश्वर से क्षमा मागनें के लिए
अनुचित बहुत कहेउं अग्याता।
छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।।
वर्षा की कामना की पूर्ति हेतु
सोइ जल अनल अनिल संघाता।
होइ जलद जग जीवनदाता।।