शास्त्रार्थ में विजय पाने के लिए
तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा।
आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।।
विद्या प्राप्ति के लिए
गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई।
अलपकाल विद्या सब आई।।
ज्ञान प्राप्ति के लिए
छिति जल पावक गगन समीरा।
पंचरचित अति अधम शरीरा।।
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