69वें मिस यूनिवर्स 2021 का फिनाले सेमिनोल हार्ड रॉक होटल एंड कसीनो फ्लोरिडा में आयोजित किया गया था। 69वें मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के शानदार फाइनल राउंड में 73 सुंदरियों को पीछे छोड़कर एंड्रिया मेजा ने ताज अपने नाम किया। वहीं भारत की एडलिन कास्टलिनो टॉप 5 में ही अपनी जगह बना पाई। 22 साल की एडलिन कास्टलिनो मॉडल हैं जो कई ब्यूटी पेंजेंट्स का हिस्सा भी रही है। इसके साथ ही उन्होंने कई कॉन्टेस्ट्स भी जीते हैं।
आपको बता दें कि अगर एडलिन इस खिताब को जीतती तो वह भारत की तीसरी महिला होती जो मिस यूनिवर्स बनती। भारत में साल 2000 में लारा दत्ता और 1994 में सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था।
1998 में जन्मी एडलिन ने लीवा डिवा यूनिवर्स 2020 प्रतियोगिता जीती थी और इस साल मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भारत की रिप्रेजेंटेटिव थीं।
एडलिन का जन्म कुवैत में हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 साल की उम्र में वह पढ़ाई के लिए मुंबई आ गई थीं। उनके पेरेंट्स कर्नाटक के हैं। वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
एडलिन वह किसानों से जुड़े सोशल कॉज के लिए काम भी करती हैं। वह कल्याणकारी संगठन 'विकास सहयोग प्रतिष्ठान' के साथ मिलकर काम करती है। इसके साथ ही वह पीसीओएस फ्री इंडिया कैंपेन की चेहरा भी हैं। इसके अलावा एडलिन LGBT समुदाय के लिए भी काम करती है।
मिस यूनिवर्स के एक राउंड में एडलिन से पूछा गया, क्या देशों को कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा देना चाहिए जबकि अर्थव्यवस्था पर खराब असर पड़ेगा या फिर अपने बॉर्डर्स खोलकर संक्रमण की दर बढ़ने देनी चाहिए?
इस पर एडलिन ने जवाब दिया, भारत से आई हूं इस वजह से और इंडिया इस समय जो झेल रहा है, मुझे एक बहुत अहम बात का अहसास हुआ, आपके अपनों की हेल्थ से बढ़कर कुछ भी नहीं। आपको अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य दोनों के बीच सामंजस्य बनाना चाहिए। ऐसा तभी हो सकता है जब सरकार लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले और कुछ ऐसा करे कि इकॉनमी को भी मदद मिले।
22 साल की मिस इंडिया एडलाइन कैस्टेलिनो ने ब्यूटी पेजेंट में टॉप 5 में जगह बनाकर देश को गौरवान्वित किया। इसके साथ ही उनका इंडियन साड़ी लुक काफी वायरल हुआ था। यह साड़ी फेमस फैशन डिजाइन श्रवण कुमार द्वारा डिजाइन की गई थी। अडलाइन ने इंस्टाग्राम पोस्ट में साड़ी पहन कर तस्वीरें डाली और लिखा, "मेरी राष्ट्रीय पोशाक एक महिला के असली सार का प्रतीक है। साड़ी एक पारंपरिक पोशाक है जो पूरे देश को एक साथ बांधती है। अमूल्य विरासत के यार्ड, साड़ी को ड्रेपिंग की अस्सी विभिन्न शैलियों के लिए जाना जाता है। यह आज भी अधिकांश भारतीय महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले वर्ग या जाति का न्याय नहीं करता है।"