कामदा एकादशी का भी विशेष महत्व है, कहते हैं कि जो फल गंगा,कशी, नैमिषारण्य और पुष्कर में स्नान करने से भी नहीं मिलता है। वह फल कामदा एकादशी का व्रत रखने से मिल जाता है और यहां भोलेनाथ के साथ स्वयं गंगा जी विराजमान हैं, इसलिए इस सोमवार को व्रत रखने वाले को एकादशी के व्रत का भी फल प्राप्त होगा। इस दिन का व्रत धन,पुत्र,सुख एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए अच्छा उपाय है। काले तिल,दूध शिवलिंग पर चढ़ाने से राहु और केतु भी शांत होते हैं। काले तिल और गंगाजल से पितृ भी शांत होते हैं। एकादशी को विष्णु भगवान् के सामने घी का दीपक जलाने से भी पितृ शांत होते हैं। इसलिए इस सोमवार को व्रत रखने पर विष्णु भगवान के सामने दीपक भी जलाने का विधान है। इसलिए 10 अगस्त का सोमवार विशेष महत्व लेकर आया है।
अब हम सूक्ष्म रूप में जान लें की तीसरा सोमवार जोकि 17 अगस्त को आएगा। उस पर भी विशेष योग है क्योंकि यह सोमवार हरियाली तीज को पढ़ रहा है इसमें सोमवार व्रत के साथ-साथ तीज की भी पूजा है जिसे सभी माताएं बहनें अपने-अपने तरीके से करती हैं। इस सोमवार भगवान शिव अपनी प्रिए पार्वती के साथ पूजन स्वीकार करेंगे। इस सोमवार शिव के साथ गौरी मां का पूजन अनिवार्य है। इस तीज पर मां गौरी अपने पति भोलेनाथ के साथ सुहागन स्त्रियों को अखंड सुहाग प्रदान करेंगे। अब सावन का चौथा सोमवार जो 24 अगस्त को आएगा उस पर एक तो तिथि नवमी है,ज्येष्ठा नक्षत्र है और इसी सोमवार दिन में शुक्रोदय हो रहे हैं। इस तरह से इस सोमवार का भी विशेष महत्व है। यह योग भी एक सिद्ध योग है। इस दिन जो भक्त 108 वेलपत्रि पर चन्दन राम नाम लिखकर शिव को हार बनाकर पहनाएगा भगवान भोलेनाथ उसकी सभी इच्छाओं की पूर्ति करेंगे।