नई दिल्ली: आज का दौर फैशन का दौर है। जिसमें हर को ई अपने हिसाब से चलना जानता है। फिर चाहे वह ज्वैलरी की बात हो या फिर ड्रेस की। इन्हीं में से एक है सनग्लास जिसे एक फैशन की चीज मानी जाती है। लोगों का मानना है कि सनग्लास पहनने से उनकी खूबसूरती में केवल चार-चांद लगता है और इससे आंखो पर कोई इफेक्ट नहीं पड़ता है। सनग्लास को लेकर लोगों के बीच काफी मिथक फैले हुए है।
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अगर आप भी सनग्लास को लेकर अपने मन में ये मिथक मानकर बैठ गए है, तो हम आपको अपनी खबर से इन मिथकों को दूर करते है। धूप से आंखों को सुरक्षित रखने का हवाला देते हुए चश्मों की सुंदर जोड़ी को खरीदने का ऑफर मिलना या इससे जुड़े ऐसे कई मिथक हैं जो आपको सनग्लास यानी धूप का चश्मा खरीदने से रोक देते हैं। माई जिम इंडिया के प्रबंध निदेशक आई रहमतुल्लाह ने धूप के चश्मे से जुड़े इन मिथकों के बारे में बताया है।
- धूप के चश्मे के साथ जुड़ा आम मिथक यह है कि इन्हें सिर्फ फैशनेबल नजर आने के लिए पहना जाता है। ये महज फैशन का सामान नहीं होते हैं। सन ग्लास आपको स्मार्ट लुक देने के साथ ही सूरज की हानिकारक किरणों से भी आपकी आंखों को सुरक्षित रखते हैं।
- जो लोग सही से दिखाई देने के लिए चश्मा पहनते हैं, वे सोचते हैं कि सन ग्लास उनके चश्मे के नंबर में उपलब्ध नहीं होता है और यह सिर्फ धूप का चश्मा है, इसलिए ठीक से दिखाई नहीं देगा, यह गलत धारणा है। आजकल बाजार में नंबर के अनुसार, ऐसे धूप के चश्मे उपलब्ध है, जिससे आपको सही से दिखाई देगा और आपकी आखों की धूप से भी रक्षा होगी।
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