योग सौंदर्य के लिए अति आवश्यक है, क्योंकि आनंद का अहसास शारीरिक सौंदर्य का अनिवार्य अंग है।
योग से त्वचा के बाहरी हिस्से तक रक्त-संचार में बढ़ोतरी होती है तथा यह त्वचा की सुंदरता के लिए काफी अहम भूमिका अदा करता है क्योंकि इससे त्वचा को पर्याप्त पोषाहार प्राप्त होते हैं। इससे त्वचा में मौजूद विषैले पदार्थो को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है। इससे त्वचा के संकुलन में मदद मिलती है तथा इससे त्वचा में रंगत आती है।
योग से त्वचा में ऑक्सीजन का संचार होता है, त्वचा में सुंदर आभा का संचार होता है तथा त्वचा में यौवनपन बना रहता है। त्वचा अनेक रोगों से मुक्त रहती है। यही प्रक्रिया बालों में भी लागू होती है।
योग से बालों की कोशिकाओं तथा सिर की खाल में रक्त-संचार तथा ऑक्सीजन को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इससे बालों की कोशिकाओं को रक्त धमनियों में पोषाहार की आपूर्ति होती है, जिससे बालों की आकर्षक वृद्धि होती है।
जब हम सौंदर्य की बात करते हैं तो हम मात्र बाहरी चेहरे के सांैदर्य की ही बात नहीं करते, लेकिन इसमें शारीरिक बनावट, इसके लचीलेपन, हावभाव, आकर्षण तथा मनोहरता भी शामिल होती है।
जहां तक बाहरी दिखावट का प्रश्न है, वहां छरहरे बदन से आप काफी युवा दिख सकती है तथा लंबे समय तक यौवन बनाए रख सकती है। योग से शरीर के प्रत्येक टिशू को ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है, जिससे स्वस्थ तथा सुंदरता की राहें खुद ही खुल जाती हैं। यदि आपके जीवन में शारीरिक सक्रियता की कमी है तो आप बुढ़ापे को आमंत्रण दे रही हैं।
योग तथा व्यायाम से समय से पूर्व बुढ़ापे को प्रभावी तरीके से रोका जा सकता है, क्योंकि इससे न केवल शारीरिक सु²ढ़ता प्राप्त होती है, बल्कि शरीर पतला तथा स्वास्थ्य भी दिखता है।
यौगिक आसनों से रीढ़ की हड्डी तथा जोड़ों को लचीला तथा कोमल बनाया जा सकता है। इससे शरीर सु²ढ़ तथा फुर्तीला बनता है, मांसपेशियां सु²ढ़ होती हैं, रक्त-संचार में सुधार होता है, शरीर में उत्साह तथा प्राणशक्ति का संचार होता है तथा बाहरी सौंदर्य तथा अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
सौंदर्य से जुड़ी अनेक समस्याएं तनाव की वजह से उत्पन्न होती हैं। योग से तनाव कम होता है तथा शरीर शांतमय स्थिति में आ जाता है, जिससे तनाव की वजह से होने वाले रोग जैसे बालों का झड़ना, मुंहासे, फुंसी, गंजापन तथा बालों में रूसी की समस्या से स्थायी निजात मिल जाती है।
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