हिंदू धर्म में माता के समान सुख प्रदान करने वाली तुलसी का वास्तु शास्त्र में भी विशेष स्थान है तुलसी का स्थान हमारे शास्त्रों में पूज्यनीय देवी के रूप में है तुलसी को मां शब्द को बोल कर हम रोज इनकी पूजा आराधना भी करते है इसके गुणों को आधुनिक रसायन शास्त्र भी मानता है इसकी हवा तथा स्पर्श एवम इसका भोग दीर्घ आयु तथा स्वास्थ्य विशेष रूप से वातावरण को शुद्ध करने में सक्षम होता है शास्त्र के अनुसार तुलसी के कई तरह के पौधे मिलते है जैसे कि श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, राम तुलसी, भू तुलसी, नील तुलसी, श्वेत तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी है।
यें वास्तुशास्त्र केउपाय अपनाकर जीवन में लाएं खुशहाली
- तुलसी को रसोई के पास भी रख सकते है। ऐसा करनें से आपके घर की पारिवारिक कलह खत्म हो जाएगी।
- तुलसी के पौधें को पूर्व दिशा की खिडकी के पास रखने से यदि आपको बेटा जिद्दी हो तो उसका जिद्द करना बंद हो जाएगा।
- लड़की की शादी में देरी हो रही हो तो तुलसी को अग्नि कोण में रखकर वो लड़की रोज उसमें जल अर्पण करें तो जल्द ही उसकी शादी हो जाएगी।
- अगर आपका बिजनेस न चल रहा हो तो तुलसी को दक्षिण-पश्चिम में रखें और हर शुक्रवार को सुबह कच्चा दूध अर्पण करे और मिठाई का भोग लगाकर किसी सुहागिन स्त्री को मीठी चीज दें।
- अगर आपके घर में वास्तु दोष है तो इसे दूर करनें के लिए तुलसी के पौधे को अग्नि कोण यानि की दक्षिण-पूर्व से लेकर उत्तर-पश्चिम तक के किसी भी खाली जगह में लगा सकते है। अगर इन जगहों में खाली जगह न हो तो गमलें में इसे लगा लें।
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