नई दिल्ली: एक स्टडी में इस बात का पता चला है कि केमिकल पीलिंग क्रीम टैन स्किन को तुरंत ठीक करता है। लेकिन बॉस्टन मेडिकल सेंटर के मुताबिक डार्क स्किन पर स्किन पीलिंग क्रीम के कई तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। अगर आपके चेहरे पर एक्ने है, झुर्रियां, डार्क स्पोट या आपके चेहरे पर किसी तरह से गढ्ढे हैं तो भूल से भी केमिकल पीलिंग क्रीम का इस्तेमाल भूल से भी न करें।
केमिकल पीलिंग क्रीम को लेकर रिसर्चर ने यह पाया कि इस क्रीम की वजह से डल स्किन की समस्या, एक्ने, वक्त से पहले झुर्रियां आना और भी कई तरह के साइड इफेक्ट्स होते हैं। साथ ही स्किन में सूजन, खुजली भी आती है। केमिकल पीलिंग का प्रभाव सबसे ज्यादा एक्ने पर दिखता है। लेकिन इसके फायदे भी कई है। इससे आपके टैन भी जल्दी ठीक हो जाते हैं।
धूप में देर तक बैठकर धूप सेंकना और नजारे का मज़ा लेना सबको अच्छा लगता है! लेकिन आपकी इसी खुशी का बैंड तब बज जाता है जब आप अपने स्किन पर सन टैन को देखते हैं। सनस्क्रीन लोशन लगाने से भी धूप में देर तक रहने पर सन टैन हो ही जाता है। तब समझ में नहीं आता है कि इस टैन को कैसे कम किया जाय या इसको कम होने में कितना समय लगेगा? आप कितनी देर धूप में थे इस बात पर ये निर्भर करता है कि सन टैन जाने में कितना समय लेगा?
स्किन लाइटनिंग प्रॉडक्ट कैसे काम करते हैं?
एक्सफॉलिएशन के प्रक्रिया पर नैचुरल रेमिडी या केमिकल बेस्ड क्रीम दोनों काम करते हैं। ये प्रोडक्ट त्वचा के बाहरी स्तर को एक्सफॉलिएट करते हैं। स्किन के एक्सफॉलिएशन के द्वारा डेड स्किन सेल्स निकल जाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान नई त्वचा रिजनरेट होती है जिससे धीरे-धीरे सन टैन कम होकर रूप निखरने लगता है।
सही क्रीम का कैसे करेंगे चुनाव?
केमिकल बेस्ड स्किन लाइटनिंग क्रीम को खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि उसमें हाइड्रोक्वीनोन, ग्लाइकोलिक एसिड और मैनडेलिक एसिड हो। लेकिन इनका इस्तेमाल ज्यादा दिनों तक न करें। नैचुरल चीजों में आप शहद और नींबू के रस का पैक, दही और नींबू के रस का पैक, हल्दी पैक या ओट्स और बटरमिल्क का पैक लगा सकते हैं।