ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले निक न सिर्फ जिंदादिली की मिसाल है बल्कि वो उन अन्य लोगों को मोटिवेशनल ट्रेनिंग देते हैं जिन्हें इसकी सख्त दरकार है। एटीट्यूड इज अल्टीट्यूड स्पीच संस्था के प्रेसिडेंट निक करीब 50 देशों का दौरा कर चुके हैं।
खुद को कमजोर नहीं मानते निक- स्कूल में अपने साथ हुए गलत व्यवहार के कारण एक बार तो निक ने आत्महत्या करने की भी कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। जानकारी के मुताबिक जन्म से ही निक के हाथ और पैर नहीं थे, फिर भी उन्होंने जिंदगी को जीना जारी रखा। वो इस अक्षमता के बावजूद न सिर्फ फुटबॉल खेलते हैं बल्कि वो तैराकी और स्काईडाइविंग का भी भरपूर लुत्फ उठाते हैं। वो लव विदाउट नाम से एक किताब भी लिख चुके हैं।