अंधविश्वास एक ऐसी चीज होती है कि कब किसे अपनी निवाला बना लें। कुछ नहीं कहा जा सकता है ऐसा ही कुछ दशहरा वाले दिन मुरादाबाद में हुआ। जिसे सुनकर हैरान रह गए कि सच में लोग इतना अंधविश्वास मानते है कि आपनी जान के बारें में भी नहीं सोचते है।
हुआ यू कि अंधविश्वास के चलते रावण की अस्थियां जो कि रावण के जलते हुए पूतले से गिर रही थी। उसे उठाने की होड़ में एक शख्स ऐसी फंसा कि उसे अपने जान से हाथ धोना पड़ा।
मुरादाबाद के लाइन पार रामलीला ग्राउंड में रावण के विशालकाय पुतले को जलाया जा रहा था। इसी दौरान जलते-जलते रावण का पुतला एक तरफ़ भीड़ पर जा गिरा। इससे वहां मौजूद कई लोग रावण के जलते हुए पुतले के नीचे दब जाने से झुलस गए। गंभीर हालत में घायलों को जिला अस्पताल लाया गया लेकिन अस्पताल ले जाने के दौरान सिविल डिफेन्स कर्मी धर्मेन्द्र दिवाकर की रास्ते में मौत हो गयी। धर्मेंद्र वहां वार्डन के तौर में तैनात था और लोगों को पीछे करने के लिए गया था।
दकियानूसी मान्यता ने ली जान
मान्यता के मुताबिक रावण के जलते पुतले की लकड़ियां चुनी जाती है। मंगलवार को भी यही हो रहा था। जैसे ही रावण का दहन हुआ। लोग रावण के पुतले की जली हुई लकडियां लेने के लिए जलते पुतले की तरफ भागे। ऊपर रावण का पुतला जल रहा था और उसके करीब नीचे ये लोग जलते पुतले के नीचे लकड़ियां चुन रहे थे।
इसी दौरान रावण के जलते पुतले का एक हिस्सा एक शख्स पर आ गिरा। अचानक ही वहां भगदड़ मच गई। अफरातफरी में जिसे जहां जगह मिली वो भागने लगा, लेकिन एक शख्स जलते पुतले की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई।