नई दिल्ली: मेष राषि में सूर्य और सिंह राषि में ब्रहस्पति होने पर उज्जैन में कुंभ का आयोजन सिंहस्थ कहलाता है। सिंहस्थ के पीछे एक कहानी है। कहा जाता है कि समुद्र में मौजूद रत्नों को बाहर लाने के लिए जब देवताओं और असुरों के बीच संग्राम हुआ तो उसमें अमृत कलश भी निकला। इस कलश को इंद्र पुत्र जयंत ले भागा, जिसकी वजह से भयंकर युद्ध हुआ जो 12 दिन चला यानी मानवों के 12 वर्ष। इस युद्ध के दौरान कलश से अमृत बूंदे धरती पर गिरीं। ये स्थान हैं हरिद्वार, प्रयाग, नासिक और उज्जैनी में गिरा था। गंगा, गोदावरी और शिप्रा मे गिरने वाली बूंदे सूर्य, चंद्र और ब्रहस्पति के अंतरिक्ष में विशेष राशियों में आने से फिर फिर जीवंत हो उठती हैं और कुंभ का महापर्व होता है।
क्या है वीडियो में: Simhasth Kumbh Ujjain – 2016 नाम से यह वीडियो यूट्यूब पर साझा किया गया है।