उत्तराखंड सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभाव के कारण 22 से 25 जून के बीच आयोजित शेष बचे विषयों की परीक्षा देने से वंचित रह गये 10वीं और 12वीं के छात्रों को अन्य विषयों की परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर औसत अंक देकर उनका परीक्षाफल घोषित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश के शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद को बुधवार को इस संबंध में एक आदेश जारी कर दिया।
शिक्षा परिषद ने मार्च में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं ली थीं लेकिन लॉकडाउन के कारण कुछ विषयों की परीक्षाएं बीच में ही रह गयी थीं जिन्हें बोर्ड ने पिछले माह जून में संपन्न कराया है। आदेश में कहा गया है कि निषिद्ध क्षेत्र में पड़ने वाले परीक्षा केंद्रों या वहां रहने वाले परीक्षार्थियों या परीक्षार्थी के गृह पृथक-वास में रहने जैसे कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभाव के कारणों से 22 से 25 जून, 2020 तक आयोजित परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गये हाईस्कूल (10वीं) और इंटरमीडिएट (12 वीं) के छात्रों को छूटे विषयों की परीक्षाओं के स्थान पर औसत अंक देते हुए परीक्षाफल तैयार कर घोषित कर दिया जाएगा।
चार या उससे अधिक विषयों की परीक्षा दे चुके छात्रों को सर्वाधिक अंक प्राप्त तीन विषयों (बेस्ट थ्री) तथा तीन विषयों की परीक्षा दे चुके छात्रों को सर्वाधिक अंक प्राप्त दो विषयों (बेस्ट टू) के औसत अंक छूट गये विषयों की परीक्षाओं में दे दिये जायेंगे और उनका परीक्षाफल घोषित कर दिया जाएगा। हालांकि, आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर परीक्षार्थी परीक्षा न दे पाने वाले विषयों में प्राप्त औसत अंकों से संतुष्ट नहीं होते तो उन्हें परीक्षा देने का विकल्प भी दिया जाएगा।
यह विकल्प चुनने की स्थिति में स्थितियां सामान्य होने पर उनके लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके लिए हालांकि, यह साफ किया गया है कि परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर छात्र का संशोधित परीक्षाफल घोषित किया जाएगा और किसी भी स्थिति में पिछला परीक्षाफल मान्य नहीं होगा चाहे परीक्षा में प्राप्त अंक औसत अंकों से कम ही क्यों न हो।