नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये घोषित लॉकडाउन के कारण विभिन्न विश्वविद्यालयों से शैक्षणिक सत्र के संचालन की निरंतरता को प्रभावित नहीं होने देने की अपील करते हुये प्रौद्योगिकी की मदद से ऑनलाइन कक्षाओं को विकल्प बनाने के लिये कहा है।उपराष्ट्रपति कार्यालय द्वारा सोमवार को जारी बयान के अनुसार नायडू ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय सहित पांच अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बैठक कर लॉकडाउन के दौरान शिक्षा व्यवस्था को सुचारु रखने के उपायों की जानकारी ली।
इस दौरान नायडू ने विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थाओं से आह्वान किया कि वे लॉकडाउन के दौरान शैक्षणिक सत्र को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए प्रौद्योगिकी का भरपूर उपयोग करते हुये अध्ययन-अध्यापन जारी रखने के हरसंभव उपाय करें। बैठक में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के निदेशक, माखनलाल चतुर्वेदी विश्विद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, पुडुचेरी विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय और पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि उपराष्ट्रपति भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के पदेन अध्यक्ष और संघ शासित क्षेत्रों के तीन केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं। नायडू ने कहा कि कोरोना संकट के कारण सामान्य स्थिति बहाल होने में समय लग सकता है। ऐसी स्थिति में शिक्षा व्यवस्था की निरंतरता को बनाये रखने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके अध्ययन और अध्यापन कार्य को सुचारू रखा जाये। उन्होंने शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच निरंतर संवाद भी बनाये रखने की जरूरत पर बल दिया।
उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षण कार्य को लॉकडाउन के दौरान अबाध रखने के लिए किये गये प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने विश्वविद्यालयों तथा शिक्षण संस्थानों से कहा कि वे छात्रावासों में रहने वाले छात्रों की स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुये ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ के निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। नायडू ने छात्रों को सलाह दी कि वे मोबाइल फोन जैसे उपकरणों पर अधिक समय व्यर्थ न करते हुये लॉकडाउन की इस अवधि में कोई नई भाषा सीखने और समाज सेवा जैसे रचनात्मक कार्यों में अपना समय देने का प्रयास करें।