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विद्यालयों के शिक्षक अब बनेंगे छात्रों के स्वास्थ्य एंबेसडर

छात्रों के स्वास्थ्य की देखरेख अब आयुष्मान भारत योजना के तहत हो सकेगी। देश भर के छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह सांझी पहल की है

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 13, 2020 12:28 IST
Teachers of schools will now become health ambassadors of...- India TV Hindi
Teachers of schools will now become health ambassadors of students

नई दिल्ली। छात्रों के स्वास्थ्य की देखरेख अब आयुष्मान भारत योजना के तहत हो सकेगी। देश भर के छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह सांझी पहल की है। छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर केंद्र सरकार ने बुधवार को स्कूल स्वास्थ्य एंबेसडर योजना लांच की। इस योजना के तहत छात्रों के अध्यापक को ही उनके स्वास्थ्य का एंबेसडर बनाया जाएगा।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, यूनिसेफ तथा डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, "इस पहल के अंतर्गत स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं को बीमारियों से रोकथाम, अच्छे स्वास्थ्य के प्रति प्रोत्साहनकारी तथा सकारात्मक स्वास्थ्य योजनाओं से जोड़ा जाएगा।" स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना का मुख्य उद्देश्य ही युवा भारत को स्वस्थ बनाए रखना है।

उन्होंने कहा, "बुधवार को लांच की गई इस योजना को फिट इंडिया मूवमेंट, इट राइट अभियान और पोषण अभियान जैसे अन्य सरकारी पहलों से कारगर ढंग से जोड़ा जाएगा।"एनसीईआरटी की मदद से इस विषय को लेकर 24 घंटे का एक खास सिलेबस भी तैयार किया जा रहा है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, "इसके अंतर्गत नोडल शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण सामग्री तैयार करने, सहायक गाइड को स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह से तैयार करने में काफी प्रयास किया है।"

स्कूली स्वास्थ्य युवाओं के लिए 11 विषय चिन्हित किए गए हैं। इनमें स्वस्थ युवा होना, भावनात्मक मजबूती तथा मानसिक स्वास्थ्य, अंतरव्यैक्तिक संबंध मूल्य तथा उत्तरदायी नागरिक, लैंगिक समानता, पोषाहार, स्वस्थ और साफ-सफाई, स्वस्थ जीवनशैली का प्रोत्साहन, मादक द्रव्यों की रोकथाम और उसका दुरुप्रयोग प्रबंधन, प्रजनन स्वास्थ्य, एचआईवी रोकथाम, स्वास्थ्य हिंसा और जख्म से सुरक्षा, इंटरनेट, मीडिया तथा सोशल मीडिया के सुरक्षित इस्तेमाल को प्रोत्साहन शामिल है।

स्कूली छात्रों के लिए इस नई पहल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम, सेवा प्रावधान और सेनेटरी नैपकिंग के अतिरिक्त स्वास्थ्य प्रोत्साहन तथा रोकथाम गतिविधि को शामिल किया गया है। स्वास्थ्य प्रोत्साहन तथा रोकथाम घटक को प्रत्येक स्कूल में स्वास्थ्य तथा वेलनेस एम्बेसडर के रूप में चिन्हित दो शिक्षकों द्वारा लागू किया जाएगा। इन एम्बेसडरों को स्वास्थ्य तथा वेलनेस मैनेजर के रूप में क्लास के मॉनिटर सहायता देंगे।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, "एनसीईआरटी द्वारा 40 सदस्यों का एक राष्ट्रीय संसाधन समूह (एनआरजी) बनाया गया है। इस समूह में उन्हें शामिल किया गया है, जो किशोर स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षण कुशलता रखते हैं और अनुभवी हैं। एनआरजी राज्य संसाधन समूह को प्रशिक्षित करेगा। राज्य संसाधन समूह में एससीईआरटी, एसआईएचएफडब्ल्यू से दो-दो व्यक्ति तथा शिलांग, मैसूर, भोपाल, भुवनेश्वर तथा अजमेर के पांच क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान (आरआईई) में प्रत्येक चयनित जिले से डीआईईटी शामिल किए जाएंगे।"

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा, "शिक्षक बच्चों के लिए सबसे अच्छे मार्गदर्शक होते हैं और अब शिक्षक स्वास्थ्य तथा वेलनेस एम्बेसडर के रूप में काम करेंगे। सांस्कृतिक रूप से संवेदी गतिविधियां आयोजित करके वर्ष के 24 सप्ताहों में प्रति सप्ताह एक घंटा देकर विभिन्न सूचनाएं देंगे। कार्यक्रम के पहले चरण में आकांक्षी जिलों के अपर प्राइमरी, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जाएगा। दूसरे वर्ष इसे शेष जिलों में लागू किया जाएगा।"

 

 

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