नई दिल्ली। केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और निजी उद्योगों से संबंधित लगभग 80 विभागों की साइबर समस्या का समाधान देश के युवा छात्रों की एक टीम करेगी। साइबर समस्याओं का समाधान करने वाले ये युवा देशभर की अलग-अलग टेक्निकल यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर इन छात्रों को एक साझा प्लेटफार्म उपलब्ध कराया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "एक विशेष रूप से विकसित प्लेटफॉर्म पर देश भर के सभी भागीदारों को ऑनलाइन जोड़ा जाएगा।
इससे विद्यार्थियों को सरकारी विभाग और निजी क्षेत्र के संस्थानों के सामने आने वाली चुनौतियों पर काम करने का अवसर मिलता है, जिसके लिए वे आउट ऑफ द बॉक्स और विश्वस्तरीय समाधान की पेशकश कर सकते हैं।"शिक्षा के विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे हैं, देशभर के छात्र भी किसी प्रकार की साइबर धमकी या प्रताड़ना का शिकार न हो, इसके लिए एनसीईआरटी ने भी यूनेस्को के साथ मिलकर एक विशेष तैयारी की है। इसके तहत इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले छात्रों को ऑनलाइन साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
एनसीईआरटी और यूनेस्को की यह पहल छात्रों को सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार के तरीके बताए रही है। साथ ही छात्रों को यह भी बताया जा रहा है कि कैसे ऑनलाइन धमकियों एवं प्रताड़ना से अपना बचाव किया जाए। यह छात्रों को ऑनलाइन धमकी के खिलाफ सक्षम कार्यवाही का मार्गदर्शन भी देती है।देश में साइबर सुरक्षा को मजबूती देने के लिए युवा आईटी प्रोफेशनल्स को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि भविष्य में साइबर हमलों की चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटा जा सके। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी की मदद से साइबर सुरक्षा टेक्नोलॉजी पर एक विशेष ऑनलाइन कोर्स तैयार किया है।
यह कोर्स छात्रों को साइबर टेक्नोलॉजी के साथ-साथ वेब, ई-मेल और इंटरनेट से जुड़ी साइबर समस्याओं के समाधान में दक्ष बनाता है।गौरतलब है कि आज के दौर में साइबर सिक्योरिटी एक अंतर्राष्ट्रीय विषय बन चुका है। यह कोर्स छात्रों को हैकर्स से बचाव, मोबाइल के ऑनलाइन एप्स को सुरक्षित बनाने के तरीके, मोबाइल सुरक्षा, ई-मेल को और अधिक सुरक्षित बनाने एवं उनकी तकनीक के बारे में जानकारी देगा। विश्वस्तरीय अध्यापक यहां छात्रों को ऑनलाइन माध्यमों से शिक्षित करेंगे।