नई दिल्ली। केंद्र सरकार अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को एक विशेष स्वास्थ्य कार्ड जारी करेगी। इस स्वास्थ्य कार्ड में सभी छात्रों की उम्र, उनका घटता-बढ़ता वजन और बच्चों में पनपने वाली बीमारियों के उपचार की जानकारी उपलब्ध होगी। इसके अलावा, स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से बच्चों को पौष्टिक भोजन देने और निरंतर उनके स्वास्थ्य जांच की भी व्यवस्था की जाएगी। यह पहल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शुरू की है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हेल्थ कार्ड सभी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को बांटे जाएंगे। इसमें विद्यार्थियों का पूरा हेल्थ रिकॉर्ड होगा। इसमें बच्चे के टीकाकरण रिकॉर्ड, द्विवार्षिक परीक्षा, जन्म के समय से कोई भी कमी, बिमारी, विकास संबंधी देरी, बच्चों के बीच मौजूदा विकारों की सूची, उनके प्रारंभिक नैदानिक उपाय और आमतौर पर बच्चों में होने वाली बीमारियों के संक्षिप्त विवरण की जानकारी होगी।"
जम्मू एवं कश्मीर के विभिन्न सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 12 लाख विद्यार्थियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए हेल्थ कार्ड जारी किया जा चुका है। यह कार्ड विद्यार्थियों के बेहतर स्वास्थ्य के साथ उनके चहुंमुखी विकास के लिए होगा।
स्कूली छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर बीते दिनों केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन के बीच एक अहम बैठक भी हुई थी। इस बैठक में स्कूलों के शिक्षकों को छात्रों के स्वास्थ्य एंबेसडर के तौर पर नियुक्त करने का फैसला लिया गया।
मंत्री निशंक ने कहा, "शिक्षक बच्चों के सबसे बेहतर मार्गदर्शक होते हैं और अब ये उनके लिए स्वास्थ्य और आरोग्य के एंबेसडर की तरह भी काम करेंगे। ये शिक्षक 24 हफ्तों तक प्रति सप्ताह एक घंटे का एक ऐसा सत्र आयोजित करेंगे, जिसमें सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को महत्वपूर्ण सूचनाएं दी जाएंगी। पहले चरण के तहत इसे सभी आकांक्षी जिलों के प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जाएगा। अन्य जिलों में यह दूसरे वर्ष से लागू होगा।"
मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के साथ मिलकर सतत विकास लक्ष्य-3 के अनुरूप नोडल टीचरों के प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण सामग्री और पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। एनसीईआरटी ने 24 घंटे का पाठ्यक्रम विकसित करने के साथ नोडल शिक्षकों को भी तैयार किया है।