नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन आत्मनिर्भर भारत, दैनिक जीवन एवं गांव की समस्याओं के समाधान के लिये युवाओं को एक मंच प्रदान करता है और इससे वे पिछले वर्षो में लाभाकारी चीजों को बाजार में लाने में सफल रहे हैं । निशंक ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के ग्रांड फिनाले के सॉफ्टवेयर एडिशन शुरू करते हुए यह बात कही । केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की शुरूआत की है और आत्मनिर्भर भारत गांव से शुरू होता है।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में बच्चों के विचार और अनुसंधान मूल रूप से गांव की समस्याओं पर केंद्रित हैं। ये ऐसे विचार हैं जो आत्मनिर्भर भारत और गांव की समस्याओं के समाधान का रास्ता प्रदान करते हैं। निशंक ने कहा कि ऐसे समय में जब देश-दुनिया कोविड-19 महामारी के संकट से जूझ रही है तब हैकाथॉन के माध्यम से बच्चों ने औषधि के क्षेत्र में खोज की दिशा में काम किया है।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के माध्यम से छात्र-छात्राओं के अनुसंधान के आधार पर हम कम समय में लाभकारी चीजों को बाजार में लाने में सफल रहे हैं। इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे और सचिव अमित खरे आदि भी मौजूद थे।
मंत्रालय के बयान अनुसार, स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017 के पहले संस्करण में 42,000 छात्रों की भागीदारी थी जो 2018 में बढ़कर 1 लाख और 2019 में 2 लाख के पार हो गई। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के पहले दौर में 4.5 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
इसमें कहा गया है कि इस वर्ष सॉफ्टवेयर संस्करण का ग्रैंड फिनाले पूरे देश में सभी प्रतिभागियों को एक विशेष रूप से निर्मित उन्नत प्लेटफॉर्म पर एक साथ जोड़कर ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है। 37 केंद्रीय सरकारी विभागों, 17 राज्य सरकारों और 20 उद्योगों की 243 समस्याओं को हल करने के लिए 10,000 से अधिक छात्र प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।