नई दिल्ली। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र समेत विभिन्न राज्यों में प्राइवेट स्कूलों द्वारा 3 महीने की फीस एक साथ मांगे जाने के मामले सामने आए हैं। इसके अलावा इस दौरान कई प्राइवेट स्कूलों ने फीस वृद्धि भी की है। इस मुद्दे पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देशभर के सभी प्राईवेट स्कूलों से फीस वृद्धि न करने और तीन माह की फीस एक साथ न वसूलने को कहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की इस अपील का अब देश भर में असर दिख रहा है।
एमएचआरडी की सलाह मानते हुए कई स्कूलों ने एक साथ तीन महीने की फीस नहीं लेने का निर्णय किया है।मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश भर के स्कूलों से 3 माह की फीस एक साथ न लेने के अलावा स्कूल फीस न बढ़ाने का भी का आग्रह किया है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "मैंने सभी निजी स्कूल से अभूतपूर्व स्वास्थ्य आपातकाल की कठिन परिस्थितियों को देखते हुए फीस न बढ़ाने की अपील की है। निजी स्कूलों को यह सलाह दी जाती है कि वे अभिभावकों से बढ़े हुए वार्षिक शुल्क न लें।"निशंक ने कहा, "मुझे खुशी है कि सभी राज्यों के शिक्षा विभाग अभिभावकों और स्कूलों के हितों की रक्षा के लिए गहनता से काम कर रहे हैं। फीस की स्थिति पर राज्यों की सरकार का अनुसरण किया जाएगा।"
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने कहा, "स्कूलों को अपने शिक्षकों और पूरे स्टाफ को समय पर वेतन देना चाहिए। यह निर्णय विभिन्न प्रकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 25 करोड़ छात्रों को प्रभावित करेगा।"वहीं लॉक डाउन के इस दौर में छात्रों के अलावा शिक्षकों को भी ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की जा रही है। छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाने के लिए शिक्षकों को पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय मिशन ऑन टीचर्स एंड टीचिंग के तहत ई-लनिर्ंग संसाधन के उपयोग के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा इसके अलावा सी-आईईटी और एनसीईआरटी छात्रों, शिक्षकों और शोधकतार्ओं के विकास के लिए 7 अप्रैल से एक महीने का वेबिनार आयोजित कर रहा है। वेबिनार का इरादा शिक्षा में शैक्षिक प्रौद्योगिकी (ईटी) और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) से संबंधित विभिन्न विषयों को शामिल करना है। वेबिनार ई-सामग्री के निर्माण और प्रसार, उपयोग और मोबाइल ऐप से संबंधित विषयों को शामिल करेगा।"