नई दिल्ली। 10वीं और 12वीं की लंबित बोर्ड परीक्षाएं कब होंगी? क्या 10वीं व 12वीं के छात्रों को बिना बोर्ड परीक्षा के ही अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जा सकता है? कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में दाखिला प्रक्रिया कैसे और कितने विलंब से होगी? स्कूली छात्रों को पूर्णबंद में क्या सही तरीके से शिक्षा मिल रही है? इन ज्वलंत सवालों के जवाब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने बताया
कोरोना वायरस ने न सिर्फ स्कूलों और कॉलेजों, बल्कि पूरे देश को प्रभावित किया है। स्कूल कॉलेजों को बंद करना पड़ा, कोचिंग सेंटर्स को बंद करना पड़ा, परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ गईं, क्योंकि इस महामारी से लड़ने के लिए घर के अंदर रहना ही सबसे बड़ा बचाव है। इसी वजह से मानव संसाधन विकास मंत्रालय को विद्यालय और बाकी शिक्षण संस्थान बंद करने का निर्णय लेना पड़ा।
हमने देशभर के छात्रों और अध्यापकों से आग्रह किया है कि वे लॉकडाउन का संयम से पालन करें और मुझे इस बात की बेहद प्रसन्नता है कि सभी 33 करोड़ छात्र और एक करोड़ अध्यापकों ने मेरे आग्रह को मानते हुए इसका पूरा पालन किया। हालांकि मंत्रालय ने विद्यार्थियों की पढ़ाई के नुकसान की भरपाई करने के लिए हाल ही में ऑनलाइन शिक्षा को काफी बढ़ावा दिया है। बहुत सारे विद्यालयों ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू भी कर दी हैं और हम ऑनलाइन शिक्षा को आने वाले समय में और सु²ढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
हमने मंत्रालय द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलों, जैसे कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग (दीक्षा), ई-पाठशाला, मुक्त शैक्षिक संसाधनों का राष्ट्रीय भंडार (एनआरओईआर), स्वयं, स्वयं प्रभा डीटीएच चैनल, इत्यादि को और सु²ढ़ बनाया है। शिक्षण संस्थानों को मंत्रालय की तरफ से निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे कोरोनावायरस महामारी के दौरान छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था करें।
हमारे निर्देशों को मानते हुए संस्थानों ने अपने यहां ऑनलाइन पढ़ाई शुरू भी करवा दी है। हमने ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को और बढ़ावा देने के लिए अभी हाल ही में हमने 'भारत पढ़े ऑनलाइन' अभियान शुरू किया है। काफी सारे लोगों ने इस पर अपने सुझाव दर्ज करवाए हैं। हमें लगभग दस हजार से ज्यादा सुझाव आए हैं। इन सुझावों पर मंत्रालय बहुत जल्द दिशा-निर्देश लेकर आएगा।"
"यह सुनिश्चित करने के लिए कि छात्र सीखते रहें, मिनस्ट्री ई-लर्निग प्लेटफॉर्म जैसे दीक्षा, स्वयंप्रभा, ई-पाठशाला के उपयोग की सिफारिश करता है। पोस्ट लॉकडाउन 24 मार्च से, क्रमश: ई-पाठशाला और दीक्षा पर 33,18,532 और 18,88,855 हिट, पेज व्यू हो चुके हैं।"
"16 अप्रैल को मैंने प्राथमिक कक्षाओं के लिए एनसीईआरटी द्वारा तैयार वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया है। उच्च प्राथमिक कक्षाओं (कक्षा छठी से आठवीं) के लिए वैकल्पिक कैलेंडर भी जारी किया गया है। जल्द ही सभी शेष वर्गो के अकादमिक कैलेंडर जारी किया जाएगा और इस कैलेंडर के अंतर्गत विषय क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।
यह कैलेंडर दिव्यांग बच्चों (विशेष आवश्यकता वाले बच्चे) सहित सभी बच्चों की आवश्यकता को पूरा करेगा- ऑडियो पुस्तकों, रेडियो कार्यक्रमों, वीडियो कार्यक्रम के लिए लिंक शामिल किया जाएगा। कैलेंडर का उद्देश्य अपने माता-पिता और शिक्षकों की मदद से घर पर शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से कोविड-19 के कारण घर पर रहने के दौरान छात्रों को सार्थक रूप से संलग्न करना है।
इसमें सिलेबस या पाठ्यपुस्तक से लिए गए विषय, अध्याय के संदर्भ में दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण गतिविधियों से युक्त सप्ताह के अनुसार योजना शामिल है। सबसे महत्वपूर्ण बात, यह सीखने के परिणामों के साथ विषयों को मैप करता है। कैलेंडर में ई-पाथशाला, एनआरओईआर और गोआई के डीआईकेएसएचए पोर्टल पर उपलब्ध अध्यायवार ई-सामग्री के लिए लिंक शामिल है।"
"हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से इस महामारी के समय में मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। उसी के अनुरूप, मैंने सभी निजी स्कूल से अपील की है कि अभूतपूर्व स्वास्थ्य आपातकाल की कठिन परिस्थितियों को देखते हुए। निजी स्कूलों को यह सलाह दी जाती है कि वे अभिभावकों से बढ़े हुए वार्षिक अनुभव को न लें। साथ ही, तीन महीने की फीस एक साथ नहीं लेने की बात कही। इसके अलावा, स्कूलों को अपने शिक्षकों और पूरे स्टाफ को समय पर वेतन नहीं देना चाहिए।
यह निर्णय विभिन्न प्रकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 25 करोड़ छात्रों को प्रभावित करेगा। मुझे खुशी है कि सभी राज्यों के शिक्षा विभाग अभिभावकों और स्कूलों के हितों की रक्षा के लिए गहनता से काम कर रहे हैं। फीस की स्थिति पर राज्यों की सरकार का अनुसरण किया जाएगा।"
हमारे प्रधानमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को मजबूत करने के अपने लाभ हैं। शिक्षकों की मदद करने और ई-लर्निग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने दीक्षा पोर्टल जैसे प्रयास किए हैं। शिक्षा की पहुंच, इक्विटी और गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से स्वयं है। ई-पाठशाला, जो कई भाषाओं में उपलब्ध है, विभिन्न ई-पुस्तकों और इस तरह की शिक्षण सामग्री तक पहुंच को सक्षम बनाती है।"
"मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ऑनलाइन शिक्षा के लिए सभी संस्थानों को यह सलाह दी है कि वो ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इससे जोड़ें। इसके लिए एक टास्क फोर्स भी बनाई गई है जो ऑनलाइन शिक्षा और इसके तहत आने वाली समस्याओं की विस्तृत जांच करेगी और उस टास्क फोर्स की रिपोर्ट के आधार पर मंत्रालय उस समस्या का समाधान करने की कोशिश करेगा।"