नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फिलहाल स्कूल खोलने के लिए कोई तिथि निश्चित नहीं की है। स्कूलों को खोलने की प्रकिया कब और कैसे शुरू की जाए, इसपर कोई भी निर्णय अगस्त के उपरांत ताजा स्थिति को ध्यान में रखकर किया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का मानना है कि स्कूल आरंभ करने से पहले शिक्षकों, अभिभावकों, शिक्षण संस्थानों एवं अधिकारियों से परामर्श करना अनिवार्य है। सभी के परामर्श एवं सहमति के अनुसार इस विषय में बहुत सोच समझकर कदम उठाया जाना चाहिए।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक चर्चा के दौरान कहा, स्कूलों को पुन: खोले जाने के विषय पर अगस्त के बाद ही प्रक्रिया बनेगी।मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक, इस बारे में अंतिम निर्णय मौजूदा हालातों का आकलन करने के उपरांत ही लिया जाएगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, स्कूल खोलने से पहले शैक्षणिक संस्थाओं को भरोसे में लिया जाना जरूरी है। स्कूल खोलने का फैसला छात्रों या विद्यालयों पर जबरन थोपा नहीं जा जाएगा। इस फैसले में सभी की सहमति व सुरक्षा अनिवार्य है।
विभिन्न राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों की स्थिति के अनुसार स्कूली शिक्षा के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। विभिन्न स्कूलों को राज्य शिक्षा निदेशालय के निर्देशों का पालन करना होता है। वहीं केंद्रीय एवं नवोदय विद्यालय सीधे मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन आते हैं। इसलिए देश भर में में इस मुद्दे पर एक राय स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण विभिन्न कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों का सिलेबस भी कम करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि फिलहाल इसका फायदा सिर्फ स्कूली छात्रों को मिलेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोरोना महामारी के मद्देनजर पूरे देश के शिक्षाविदों, शैक्षणिक संस्थानों एवं अध्यापकों से सिलेबस में कटौती पर ठोस सुझाव मांगे हैं।