नई दिल्ली। भारत सरकार की योजना प्रभावी रूप से कंपनियों को मुफ्त कर्ज उपलब्ध कराने की है, जो अच्छा विचार नहीं है। यह बात यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के प्रोफेसर और मास्टर्स यूनियन मास्टर कार्तिक रमन्ना ने कही। रमन्ना ने कोविड-19 के कारण चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के मुद्दे पर यह टिप्पणी की।
रमन्ना ने गुरुग्राम में मास्टर्स यूनियन स्कूल ऑफ बिजनेस की अपनी 'मास्टरक्लास' में कहा, "यह एक अच्छा विचार नहीं है, क्योंकि सरकार तब विफलता की लागत को समाहित करेगी। लेकिन अगर चीजें सफल होती हैं तो करदाता को कोई लाभ नहीं होगा।"उन्होंने कहा, "हमें नॉन वोटिंग इक्विटी के रूप में पैकेज की संरचना करनी चाहिए, ताकि सरकारें उन व्यवसायों के साथ हस्तक्षेप करने की स्थिति में न आएं, कि व्यवसाय कैसा चल रहा है।"
रमन्ना ने कहा कि अमेरिका ने 2009 में वित्तीय संकट के दौरान ऐसा ही किया था और अमेरिकी सरकार ने अपने पैकेज पर एक छोटा लाभ भी कमाया था।रमन्ना ऑक्सफोर्ड में 'मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी प्रोग्राम' के निदेशक हैं। प्रोफेसर रमन्ना मास्टर्स यूनियन स्कूल ऑफ बिजनेस के बोर्ड ऑफ एडवाइजर्स में भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि देश को एक बड़ी विपदा में घिरने से बचाने के लिए अब पैकेज आवश्यक है, वे अक्सर जोखिमों का सामाजिक उपयोग करने के लिए दुरुपयोग करते हैं, ताकि व्यवसाय को लाभ हो सके। लेकिन वे नुकसान या नकारात्मक पक्ष का खर्च वहन नहीं करते।
उन्होंने कहा, "अगर इस तरह से इस संकट में पैकेज को लागू किया जाता है, तो केवल आक्रोश बढ़ेगा। इसके साथ ही पूंजीवाद अधिक अनुचित हो जाएगा और भारत जैसे देश अपने आप को समाजवाद के काले दिनों में वापस देखेंगे।इसके अलावा रमन्ना ने इस बात पर भी अपने विचार रखे कि भारत कैसे चीन से विनिर्माण को स्थानांतरित करने के लिए अवसरों का लाभ उठा सकता है। इस संबंध में उन्होंने कई टिप्स साझा किए।
मास्टरक्लास सीरीज में व्यवसाय, शिक्षा जगत और प्रशासन के क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाया गया है, जो यह बताते हैं कि कोविड-19 व्यापार और अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं को कैसे प्रभावित करेगा।साइबर सिटी गुरुग्राम में स्थित मास्टर्स यूनियन एक प्रौद्योगिकी-केंद्रित बिजनेस स्कूल है, जिसका नेतृत्व दिग्गज अधिकारियों और व्यापारियों द्वारा किया जाता है। संस्थान अगस्त 2020 से अपना पहला सत्र शुरू करने की योजना बना रहा है।