नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के चलते विभिन्न सेक्टर बंद पड़े हुए हैं वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र ऑनलाइन कोचिंग पोर्टल का सहारा ले रहे हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने अप्रैल और मई में होने वाली सभी परीक्षाओं को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है और भारत के शहरों में कोचिंग संस्थान बंद पड़े हुए हैं। छात्र अपपनी पढ़ाई की निरंतरता के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उनके पास ऑनलाइन कक्षाओं के अलावा कोई विकल्प नहीं है ताकि उनका महत्वपूर्ण समय बर्बाद नहीं हो।
कई छात्रों ने लॉकडाउन की घोषणा से पहले ही अपनी फीस भी भर दी है। गुजरात के पोरबंदर के छात्र प्रणव थांकी जनवरी में मेडिकल की कोचिंग के लिए 200 किलोमीटर दूर सूरत चले गए थे। बहरहाल मार्च में कोचिंग सेंटर बंद हो गए। थांकी ने पोरबंदर से फोन पर बताया, ‘‘मेरा मानना है कि अकेला मुझे ही ऑनलाइन कोचिंग से फायदा नहीं हो रहा है।
यह इस वक्त कई छात्रों के लिए राहत लेकर आया है। ऐसे समय में मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन कोचिंग जरूरत बन गए हैं।’’ देश के कई अन्य हिस्से से कई छात्रों ने ऐसे ही विचार व्यक्त किए। लखनऊ की संचिता राय ने बताया, ‘‘मेरा सीधा सवाल है कि कई कोचिंग केंद्रों में ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था क्यों नहीं है।
इस लॉकडाउन से हमारी शिक्षा बाधित हुई लेकिन ऑनलाइन विकल्प से राहत मिली।’’ पारंपरिक एवं ऑनलाइन कोचिंग के शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के फैलने से बहुत पहले ही ऑनलाइन कोचिंग की तरफ रूझान बढ़ रहा था, लेकिन लॉकडाउन से इसमें काफी तेजी आई है।