नई दिल्ली : दिल्ली के 1700 निजी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया चालू हो गई है। इस साल नर्सरी, पहली कक्षा और दूसरी कक्षा में एडमिशन के लिए न्यूनतम उम्र 3, 4 और 5 साल रखी गई है, जबकि अधिकतम उम्र की कोई सीमा नहीं है। इन सब के बीच अलग-अलग स्कूल अपने हिसाब से मानक तय कर रहे हैं जिससे अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कहीं पड़ोस में घर होने के मानक के 75 अंक हैं, तो कहीं 25।
अखिल भारतीय अभीभावक संघ की तरफ से मांग की गई है कि सरकार एक कानून लाए जिससे कि लॉटरी के आधार पर नर्सरी में दाखिले किए जाए। कहीं स्टाफ के बच्चों के आधार पर मानक तय किए गए हैं, तो कहीं अभिभावकों को मिले मेडल के आधार पर अंक दिए जा रहे हैं। इन सब से अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है। हर स्कूल के लिए उन्हें अलग तरह से तैयारी करनी पड़ रही है।
अखिल भारतीय अभिभावक संघ के अनुसार दाखिला पूरी तरह लॉटरी के आधार पर होना चाहिए। संघ के प्रतिनिधि का कहना है कि अंक प्रणाली या मैनेजमेंट कोटा व्यापार है। इसके आधार पर बच्चों के साथ भेदभाव किया जाता है।