इंजीनियरों की शिक्षा अब केवल सड़क और इमारत के निर्माण में ही काम नहीं आएंगी, बल्कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों के भविष्य के निर्माण में भी प्रयुक्त होगी। इंजीनियर जल्द ही प्रयागराज के सरकारी विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने का काम शुरू करेंगे। प्रयागराज के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) आशीष कुमार ने आईएएनएस से बातचीत में बताया, " सरकारी इंजीनियर सप्ताह में एक दिन प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को गणित व विज्ञान की शिक्षा देंगे। इसके लिए इंजीनियरों को निर्देश दिया गया है।"
उन्होंने कहा, "सरकारी इंजीनियरों को जब मन हो या जब भी समय मिले वह बच्चों को पढ़ा सकते हैं। वहीं विज्ञान और गणित जैसे विषयों में बच्चों के कमजोर होने जैसी कोई बात नहीं है। चूंकि इंजीनियरों को गणित और विज्ञान का बहुत अच्छा ज्ञान होता है, इसीलिए उन्हें इन विषयों को पढ़ाने के लिए कहा गया है। इसके लिए उन्हें किसी तरह के कोई प्रशिक्षण देने की भी कोई आवश्यकता नहीं है। यहां के सरकारी स्कूलों में सभी के सहयोग से पढ़ाई को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।"
सीडीओ ने आग बताया, "इंजीनियरों के इन कामों के मूल्यांकन की व्यवस्था भी की जा रही है। अगर वह व्यस्त हैं तो कोई बात नहीं हैं, लेकिन खाली समय में उन्हें अपना सहयोग देना होगा। इन स्कूलों की प्रगति कार्य की समीक्षा भी हर 15 दिनों में की जाएगी।" उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिक्षा एवं प्रयागराज के नोडल अधिकारी डॉ़ रजनीश दुबे ने अपने भ्रमण के दौरान जनपद में गोद लिए गये स्कूलों में ऐसा प्रयोग करने की सलाह दी थी। उसी के बाद से अब इस दिशा में आगे कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) संजय कुशवाहा ने आईएएनएस बताया, "प्रयागराज के 91 स्कूलों को सरकारी अधिकारियों ने गोद ले रखे हैं। उनमें यह अभिनव प्रयोग किया जा रहा है। इंजीनियर गणित और विज्ञान के विशेषज्ञ होते हैं। इसी कारण उन्हें सप्ताह में एक दिन बच्चों को पढ़ाने के लिए कहा गया है।"
उन्होंने कहा कि "अगर वह अंग्रेजी और हिंदी विषय पढ़ाना चाहते हैं तो इसकी मनाही नहीं है। यह प्रयोग सफल होगा तो आगे चलकर यहां के अन्य विद्यालयों में भी इनका सहयोग लिया जाएगा। फिलहाल सरकारी इंजीनियर गणित व विज्ञान विषय की शिक्षा देंगे। इसके लिए रणनीति तैयार कर ली गयी है। सप्ताह में वह एक दिन अपनी नजदीकी विद्यालय में वह पढ़ाने जरूर जाएंगे।"
उन्होंने बताया कि "इसके लिए ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, टोन्स पम्प नहर प्रखंड, शारदा सहायक खंड निर्माण जल निगम, पीडब्ल्यूडी, बाढ़ कार्य और बेलन नहर प्रखंड के जूनियर इंजीनियर व सहायक इंजीनियरों की ड्यूटी स्कूलों में लगायी गई है।"