नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) ने विश्वभारती विश्वविद्यालय प्रशासन को एक कारण बताओ नोटिस देकर पूछा है कि हाल में संपन्न पौष मेला के दौरान एनजीटी के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के लिए विश्वविद्यालय पर 10 लाख रुपये का हर्जाना क्यों नहीं लगाया जाए। विश्वभारती के रजिस्ट्रार को मंगलवार को भेजे गए डब्ल्यूबीपीसीबी के पत्र में कहा गया है कि 24 से 26 दिसंबर को आयोजित वार्षिक मेला के दौरान किसी भी स्टॉल पर आग बुझाने के उपकरण नहीं थे, कुछ कियॉस्क पर कोयले की भट्ठी थी और पर्याप्त जैव-शौचालय भी नहीं थे।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिना कोई तारीख बताए विश्वविद्यालय प्रशासन को जल्द अपना जवाब देने को कहा है । राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को वीरभूम जिला प्रशासन और बोलपुर नगरपालिका की मदद से पर्यावरण अनुकूल तरीके से वार्षिक मेला का आयोजन करने के लिए कहा था। यह भी कहा गया था कि वायु प्रदूषण ना हो और अपशिष्ट के प्रबंधन भी सुनिश्चित किए जाऐं। विश्वविद्यालय ने वार्षिक मेला के आयोजन के दौरान एनजीटी के दिशा-निर्देशों को लागू करने का वादा किया था । विश्वभारती के अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पाया। कविवर रवींद्रनाथ टैगोर के पिता महर्षि देवेंद्रनाथ ने 1894 में मेला की शुरूआत की थी और विश्वभारती विश्वविद्यालय 1951 से इसका आयोजन कर रहा है।