नोएडा। गौतम बुद्ध नगर जनपद के शिक्षण संस्थानों को कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान छात्र-छात्राओं से फीस नहीं मांगने के आदेश दिए गए हैं। अगर शिक्षण संस्थाओं ने छात्रों पर फीस के लिए दबाव बनाया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने रविवार को गौतम बुद्ध नगर की सभी शिक्षण संस्थाओं को जारी आदेश में कहा कि पूरा देश महामारी की चपेट में है। कोरोना वायरस के कारण बंद लागू है और ऐसे में कोई शिक्षण संस्थान छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों से फीस की मांग नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि यदि कोई संस्थान फीस की मांग करता है अथवा इसके लिए अनावश्यक दबाव बनाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि जो शिक्षण संस्थान ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं, वे फीस न मिलने पर छात्रों को पढ़ाई से वंचित नहीं रख सकते। उल्लेखनीय है कि जनपद गौतम बुध नगर में कई नामी स्कूल, कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी है। यहां केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंधित स्कूलों की संख्या ज्यादा है। जिलाधिकारी ने यह आदेश सभी शैक्षिक संस्थाओं के लिए जारी किया है।
'15 अप्रैल को समाप्त हो जाएगा लॉकडाउन'
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर घोषित किया गया लॉकडाउन 15 अप्रैल को खुलेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी सांसदों और मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कहा, "15 अप्रैल से बंद समाप्त होगा तो दो काम करने होंगे। जब 15 अप्रैल को हम बंद खोलेंगे तो जमावड़ा ना होने पाए, इसमें आपकी सहभागिता और सहयोग चाहिए होगा।"
उन्होंने कहा "क्योंकि 15 अप्रैल को हम जैसे ही बंद खोलेंगे और एकाएक भीड़ जुट जाएगी तो सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। मैं चाहूंगा कि इसके लिए हम लोग एक व्यवस्था बनाएं। मैं इसके लिए आप लोगों से सुझाव भी चाहूंगा। आप अपना सुझाव लिखकर भेजें कि क्या होना चाहिए।" वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने बताया, ‘‘हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और उन्होंने हमें राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों और उठाए गए कदमों के बारे में बताया। यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तकरीबन एक घंटा चली।’’ उन्होंने बताया कि सांसदों ने मुख्यमंत्री और उनकी सरकार द्वारा बंद के दौरान किए जा रहे कार्यों की सराहना की।