नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आईआईटी दिल्ली के निदेशक और कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज (केएसबीएस) की उस टीम से मुलाकात की, जिसने कोरोना टेस्ट किट बनाई है, और जिसे आईसीएमआर ने मंजूरी भी दे दी है। आईआईटी दिल्ली कोविड-19 टेस्ट किट बनाने वाला देश का पहला शिक्षण संस्थान बन गया है।
इस मौके पर निशंक ने आईआईटी निदेशक और उनकी टीम के इस प्रयास को सराहा और देश की कोरोना के खिलाफ जंग में एक महत्वपूर्ण योगदान के लिए बधाई दी।केंद्रीय मंत्री ने कहा, मुझे खुशी है कि हमारे प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों, छात्रों को आगे आने और कोरोनावायरस से लड़ने के लिए आमंत्रित किया है और उनके इस आह्वान पर भारत के सभी संस्थान इसके लिए आगे भी आए हैं। मुझे खुशी है कि आईआईटी दिल्ली ने भारत के लोगों के लिए यह किट बहुत कम कीमत पर बनाई है।
उन्होंने आगे कहा, "आईआईटी दिल्ली ने न सिर्फ एक महत्वपूर्ण लड़ाई में देश की मदद की है, बल्कि अन्य संस्थानों के लिए एक उदहारण भी पेश किया है। देश भर के शिक्षण संस्थानों को आगे बढ़ कर इस तरह के शोध करते रहने चाहिए। इससे आप न सिर्फ इस जानलेवा वायरस से देश को मुक्त करवाने में अपनी भागीदारी दर्ज करवाएंगे, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी योगदान देंगे। भारत की पहचान यहां पर मौजूद प्रतिभाओं की वजह से है और पूरी दुनिया भारत की इन प्रतिभाओं का लोहा मानती है। आने वाले समय में अगर देश में शोधकर्ता और अनुसंधानकर्ता इसी प्रकार से काम करते रहे तो भारत बहुत जल्द विश्वगुरु बन जाएगा।"
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय आईआईटी दिल्ली व अन्य सभी शिक्षण संस्थानों को यह आश्वासन देता है कि किसी भी प्रकार के शोध में मंत्रालय उन्हें हर प्रकार की मदद उपलब्ध करवाएगा।आईआईटी दिल्ली के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज की टीम ने कोरोना टेस्टिंग किट बनाई है, जिसको आईसीएमआर ने मंजूरी दे दी है। यह पीसीआर आधारित किट अन्य टेस्टिंग किट के मुकाबले सस्ती होगी और रिजल्ट भी जल्दी देगी।